प्याज, लहसुन की बाजार व्यवस्था को सुचारू करने हेतु पॉलिसी बनानी होगी- कुलपति डॉ. मिश्रा
जनेकृविवि में अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक
12 जनवरी 2024, जबलपुर: प्याज, लहसुन की बाजार व्यवस्था को सुचारू करने हेतु पॉलिसी बनानी होगी- कुलपति डॉ. मिश्रा – जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना प्याज एवं लहसुन की दो दिवसीय 14 वीं वार्षिक समूह बैठक का आयोजन हुआ l कुलपति डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा के मुख्य आतिथ्य एवं डॉ. मेजर सिंह, सदस्य एएसआरबी, नई दिल्ली एवं डॉ. सुधाकर पांडे, एडीजी,नई दिल्ली के विशिष्ट आतिथ्य में यह बैठक आयोजित हुई। कुलपति डॉ. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्याज एवं लहसुन की बाजार व्यवस्था को सुचारू करने हेतु पॉलिसी बनानी होगी। ताकि प्याज एवं लहसुन की खेती करने वाले किसानों को इसका उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मेजर सिंह, सदस्य एएसआरबी, नई दिल्ली ने प्याज एवं लहसुन की उन्नत किस्मों को बढ़ावा देने के साथ ही भण्डारण हेतु उपयुक्त संरचानाओं के निर्माण पर जोर दिया , जिससे प्याज एवं लहसुन की उपलब्धता साल भर रखी जा सके। विशिष्ट अतिथि डॉ. सुधाकर पांडे, एडीजी,उद्यान, नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में अनुसंधान के माध्यम से प्याज की शंकर किस्मों को विकसित करने एवं इसकी उत्पादकता बढ़ाने कि बात कही ।
प्याज की नयी किस्में
प्याज एवं लहसुन संचालनालय, पुणे के डायरेक्टर डॉ. विजय महाजन ने परियोजना के संबंध में कार्ययोजना प्रस्तुत की। आपने बताया कि संचालनालय के वैज्ञानिकों ने भीमा सुपर, भीमा डॉर्क रेड, भीमा शक्ति सहित अन्य किस्मे विकसित की हैं, जोकि कोलेस्ट्रॉल को कम करने एवं रक्तचाप नियंत्रण करने में लाभदायक है।
संचालक अनुसंधान सेवायें डॉ. जी.के. कौतू ने स्वागत उद्बोधन दिया । आयोजनकर्ता अधिष्ठाता उद्यानिकी संकाय डॉ. एस.के. पांडे ने इस दो दिवसीय वार्षिक बैठक में विभाग द्वारा प्याज एवं लहसुन की तकनीकियों से मध्यप्रदेश में इसकी फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में बढोत्तरी के योगदान के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। आयोजक सचिव एवं परियोजना संचालक डॉ. अखिलेश तिवारी ने बताया कि वार्षिक बैठक में प्याज एवं लहसुन की विभिन्न किस्मों, उत्पादन एवं कीट रोग निराकरण, नई-नई तकनीकियों को विकसित करने सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा एवं विचार-विमर्श किया गया है।
गौरतलब है कि इस दो दिवसीय 14 वीं वार्षिक समूह बैठक में पूरे देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों एवं आईसीएआर के संस्थानों से करीब सौ से अधिक वैज्ञानिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंकिता शर्मा एवं आभार डॉ. अखिलेश तिवारी द्वारा दिया गया।
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