राज्य कृषि समाचार (State News)

सीमेंट नर्सरी टैंक की आकृति जंगली मछलियों एवं पौधों का उन्मूलन –

तालाब में जंगली मछलियाँ (विषैली मछलियाँ) भी होती हैं और कछुए, मेंढक, साँप, जलपक्षी तथा जलीय ऊदबिलाव होते हैं। यदि तालाब को इन अवांछित जीवों से मुक्त न किया जाये तो ये नई परिपालित मछलियों के समक्ष जीवेशणा की समस्या उत्पन्न कर देती है तथा नई मछलियों के समक्ष आवास और विचरण की नई समस्याएँ तो उत्पन्न होती ही हैं इसके साथ ही इनके आक्सीजन के शोषण किये जाने के कारण मछलियों के लिए आक्सीजन की कमी हो जाती है । इसीलिए तालाब को दोषरहित करना आवश्यक होता है । यदि सीमेंट की बनी टंकियाँ हों तो उसमें कीटनाशक रसायन डालकर दोषमुक्त कर लेना उचित होता है। कीटनाशक पदार्थ के रूप में महुआ आयल केक का प्रयोग किया जाता है । तालाब बड़ा होने पर एक हेक्टेयर के तालाब में 2500 किलोग्राम के हिसाब से महुआ आयल के केक डाला जाता है । यह जैविक खाद के रूप में भी मछलियों के सम्पोषण तथा संवर्धन में उपयोगी होता है ।
विषैली अथवा हिंसक जंगली मछलियों को मारने के लिए तालाब में प्रति हेक्टेयर के जल क्षेत्र में व्यावसायिक ब्लीचिंग पावडर 350 किलोग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर डाला जाता है । इससे 30 प्रतिशत क्लोरीन की मात्रा व्युत्पन्न हो जाती है । यहाँ पर इन घोलकों का प्रयोग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि व्यावसायिक पावडर का प्रयोग करने के पूर्व तालाब में 18 से 24 घंटे पूर्व यूरिया का मिश्रण जल में किया जाता है और उसे तालाब में डाला जाता है । यह मिश्रण प्रति हेक्टेयर 100 किलोग्राम की मात्रा में डाला जाता है । यदि यूरिया का प्रयोग किया गया है तब ब्लीचिंग पावडर की मात्रा प्रति हेक्टेयर 175 किलोग्राम कर दी जाती है । इनके प्रयोग से हिंसक मछलियों का उन्मूलन हो जाता है ।
तालाब को जब अवांछित वनस्पतियों, पादपों तथा जंगली मछलियों से पूर्णत: मुक्त कर लिया जाता है तब मछलियों के अंडों का परिपालन एवं परिपोषण किया जाता है। इसके लिए तालाब में उर्वरीकरण की स्थितियों का निर्माण करना आवश्यक हो जाता है ।

जीएम सरसों पर रस्साकशी

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