छत्तीसगढ़ में 98% बोवनी हुई पूरी, आसानी से मिला खाद-बीज और ऋण
05 सितम्बर 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़ में 98% बोवनी हुई पूरी, आसानी से मिला खाद-बीज और ऋण – छत्तीसगढ़ में किसानों को समय पर खाद, बीज और ऋण जैसी कृषि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कृषि विभाग की सतत निगरानी में इन सभी सुविधाओं का सुगम वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
खाद-बीज की उपलब्धता: अब तक 13.07 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद किसानों को वितरित की जा चुकी है, जो कुल लक्ष्य का 96 प्रतिशत है। इसमें 6.44 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.77 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.67 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 53,912 मीट्रिक टन पोटाश, और 1.64 लाख मीट्रिक टन सुपर फास्फेट शामिल हैं। इसके अलावा, 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का भी वितरण किया गया है, जो बीज की कुल मांग का 91 प्रतिशत है।
98 प्रतिशत बोनी पूर्ण, अच्छी वर्षा का मिला साथ: छत्तीसगढ़ में 98 प्रतिशत बोनी का कार्य पूरा हो चुका है। राज्य में 48.63 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 47.68 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोनी की जा चुकी है। इस सीजन में मानसून की अच्छी स्थिति के चलते अब तक 928.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जिससे किसानों की फसल को अच्छी बरसात का साथ मिला है। बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1950.0 मिमी वर्षा हुई है, जबकि बेमेतरा जिले में सबसे कम 500.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
कृषि ऋण में राहत: किसानों को खेती के लिए अल्पकालीन ब्याज मुक्त कृषि ऋण की भी सुविधा दी जा रही है। अब तक 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से 6438 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 7300 करोड़ रुपये कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है, जिससे किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने और उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता देने की योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिससे उनकी खेती में वृद्धि हो रही है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: