जनकल्याण अभियान में स्वीकृत हुए 4 लाख 80 हजार आवेदन
27 दिसंबर 2024, भोपाल: जनकल्याण अभियान में स्वीकृत हुए 4 लाख 80 हजार आवेदन – प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री जन-कल्याण अभियान में अब तक प्रस्तावित 30 हजार 697 शिविरों में से 8 हजार 549 शिविर आयोजित हो चुके हैं। इन शिविरों में 6 लाख 81 हजार आवेदन प्राप्त हुए। इसमें से 70 प्रतिशत अर्थात 4 लाख 80 हजार आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना में सर्वाधिक एक लाख 98 हजार 297 आवेदन प्राप्त हुए। खसरा-खतौनी की प्रतिलिपियां प्राप्त करने, निर्माण श्रमिकों के पंजीयन, वृद्धावस्था पेंशन और पीएम किसान संबंधी आवेदन भी बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। सर्वाधिक 94 हजार 672 आवेदन उज्जैन में प्राप्त हुए। इसी प्रकार सिवनी में 44 हजार 516, ग्वालियर में 26 हजार 609, खंडवा में 21 हजार 55 और बालाघाट में 20 हजार 189 आवेदन प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी मंत्रि-परिषद सदस्यों को प्रभार के जिलों में जनकल्याण शिविरों में भाग लेने तथा जिला स्तर पर मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान की निरंतर समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिविरों और अभियान का लाभ प्रत्येक पात्र हितग्राही को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
आठ दिन में दो बड़ी परियोजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल और केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आठ दिन में दो बड़ी परियोजनाओं की सौगात प्रदेश को दी है। यह सौभाग्य है कि नदी जोड़ो परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन रहा है। प्रदेश में नदियों को परस्पर जोड़ने की संभावना पर भी कार्य किया जाना आवश्यक है। इससे प्रदेश के सूखे से प्रभावित क्षेत्र लाभान्वित होंगे। ऐसी परियोजनाओं के क्रियान्वयन क्षेत्र के निवासियों को परियोजनाओं के लाभों से अवगत कराने और उनसे परस्पर संवाद बनाए रखने में जन-प्रतिनिधि सक्रिय रहें और यह सुनिश्चित करें कि निजी हित या विकास विरोधी मानसिकता के कारण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब न हो।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: