केन्द्रीय मंत्री शाह ने किया ’सहकार संवाद’, कहा- वे भी करेंगे प्राकृतिक खेती
13 जुलाई 2025, नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री शाह ने किया ’सहकार संवाद’, कहा- वे भी करेंगे प्राकृतिक खेती – केन्द्रीय मंत्री अमित शाह भी प्राकृतिक खेती कर किसान बनेंगे . हालांकि ये वे सब रिटायर होने के बाद ही करेंगे लेकिन उनका कहना है कि रिटायर होने के बाद उनकी रूचि वेद, उपनिषद का अध्ययन करने के साथ ही प्राकृतिक खेती करने में ही है.
शाह ने कहा कि वह जब रिटायर होंगे तो वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती में अपना समय व्यतीत करेंगे. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रयोग है जो कई प्रकार के फायदे देता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने खेतों में प्राकृतिक खेती अपनाई है और उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना बढ़ोतरी देखी है.
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आई महिला सहकारी सदस्यों के साथ ‘सहकार संवाद’ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब वह रिटायर होंगे तो अपना समय वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती के बीच बिताएंगे. रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य, पर्यावरण और उत्पादन के लिहाज से बेहद फायदेमंद है. अपने खेतों में उन्होंने जब प्राकृतिक खेती अपनाई तो उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना वृद्धि हुई. उन्होंने बताया कि इस दिशा में सरकार राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था बना चुकी है, जो प्राकृतिक उत्पादों की खरीद करेगी और निर्यात से हुए मुनाफे को सीधे किसानों के खाते में डालेगी.
शाह ने कहा कि सहकारी डेयरी मॉडल को अब नया विस्तार दिया जा रहा है. गोबर प्रबंधन, पशु आहार, हेल्थ मैनेजमेंट और जैविक खाद, इन सभी पर एकीकृत योजना बन रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ऐसे मॉडल पर काम कर रही है, जिसमें गांव के 500 में से 400 डेयरी किसान सहकारी संस्था से जुड़ें. इनसे गोबर लिया जाएगा, जैविक खाद और गैस बनाई जाएगी और पशुओं का वैक्सीनेशन भी सुनिश्चित होगा. कार्यक्रम में शाह ने जानकारी दी कि गुजरात और राजस्थान सरकार मिलकर ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर रिसर्च कर रही हैं. इसका मकसद ऊंट पालकों की आमदनी बढ़ाना है. उन्होंने बताया कि जब दूध की वैल्यू बढ़ेगी तो नस्ल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा.
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