अनुसंधान और नवाचार, कृषि क्षेत्र के प्रमुख आधार
आईसीएआर की प्रौद्यौगिकियों और नवाचारों का लाभ छोटे किसानों तक जरूर पहुंचना चाहिए-शिवराज सिंह
30 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: अनुसंधान और नवाचार, कृषि क्षेत्र के प्रमुख आधार – कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन अनुसार इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशकों के साथ मैराथन बैठक की। नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स स्थित बोर्ड रूम में यह अहम बैठक हुई।
किसानों की खुशहाली का लक्ष्य
श्री शिवराज सिंह ने प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर बीज किस्में विकसित करने पर जोर दिया, साथ ही कृषि प्रगति में नवाचारों को बढ़ावा देने और आगामी वर्षों में आशाजनक परिणाम प्राप्त करने को केंद्र में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
भावी कार्ययोजना पर चर्चा
बैठक में सबसे पहले फसल प्रभाग द्वारा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें खाद्यान उत्पादन के लिए अच्छे बीजों के साथ ही समग्र पहलुओं पर विस्तार से भावी कार्ययोजना पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार की बजट घोषणा (2025-26) की प्रमुख चार घोषणाओं, जिसमें दलहन में आत्मनिर्भरता, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन, कपास उत्पादकता के लिए मिशन, फसलों के जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक में तेजी से प्रगति के साथ कार्य करने को कहा।
अच्छी बीज किस्मों के लिए प्राथमिकता व समर्पण से कार्य करें
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने अच्छी किस्म के बीज विकसित करने की दिशा में पूरी प्राथमिकता और समर्पण से कार्य करने का निर्देश दिया। दलहन में मेढ़ वाली किस्म विकसित करने पर भी जोर दिया। श्री चौहान ने कहा कि दलहन को बढ़ावा देने के लिए क्या वैज्ञानिक तकनीक हो सकती है, इस दिशा में काम होना चाहिए। सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से जोर देते हुए कृषि मंत्री ने इस दिशा में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के साथ चर्चा की बात कही।
नई बीज किस्में किसानों तक जल्दी पहुंचे
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि बीजों की नई किस्मों का विकास हो और ये किसानों तक जल्दी पहुंचे, इस बात की कोशिश होना चाहिए। देशभर के बीज केंद्र प्रभावी भूमिका निभाते हुए काम करें। विशेषकर यह सुनिश्चित हो कि छोटे और सीमांत किसानों तक प्रौद्योगिकी का फायदा ज्यादा से ज्यादा और जल्दी पहुंचे।
मृदा परीक्षण किसानों के खेतों में ही करने के प्रयास होना चाहिए
श्री चौहान ने कहा कि गेहूं और चावल के साथ, दलहन, तिलहन व मोटे अनाजों की उपज पर भी जोर देने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कीटनाशकों के सही उपयोग पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के संबंध में और अधिक अनुसंधान और व्यवस्थित शोध की जरूरत है।
खेत से बाजार तक की श्रृंखला व्यवस्थित हों
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने ग्राम स्तर पर खेत से बाजार तक की श्रृंखला को व्यवस्थित करने की कोशिश पर भी बात की और कृषि समितियों की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया।
छोटे किसानों के लिए विकसित करें मॉडल फॉर्म
बैठक में फसल विज्ञान प्रभाग के बाद एनआरएम डिवीजन और कृषि विस्तार प्रभाग की प्रस्तुति भी हुई, जिसमें विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान, श्री शिवराज सिंह चौहान ने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती, छोटे किसानों के लिए मॉडल फार्म विकसित करने, छोटे किसानों को खेती के साथ ही पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन से जोड़ने के प्रयास, शुष्क बारानी कृषि प्रबंधन में ग्रामीण विकास मंत्रालय के समन्वय के साथ काम करने, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और किसानों की आवश्यकताओं में जोड़ते हुए काम करने, सॉयल टेस्टिंग किट (मृदा परीक्षण), जैसे विषयों पर व्यापक विचार व्यक्त किए और जरूरी निर्देश दिए।
कृषि विज्ञान केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका
अंत में श्री शिवराज सिंह चौहान ने केवीके की भूमिका पर अलग से बल देते हुए कहा कि किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका और किसी की नहीं हो सकती। जिन केवीके में कार्य प्रदर्शन में समस्याएं आ रही हैं, उसे जल्द से जल्द दूर करते हुए कार्य प्रदर्शन बेहतर करने का प्रयास हो। श्री शिवराज ने कहा कि आम किसानों तक केवीके अपनी पहुंच बनाए।
बैठक में आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल जाट सहित सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेश और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
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