सरकार करेगी 100% दालों की खरीद सुनिश्चित – किसानों को मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरा लाभ
10 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: सरकार करेगी 100% दालों की खरीद सुनिश्चित – किसानों को मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरा लाभ – भारत सरकार ने ‘दालों में आत्मनिर्भरता मिशन’ के तहत यह सुनिश्चित करने की घोषणा की है कि देशभर के पंजीकृत किसानों की 100 प्रतिशत दालों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य किसानों को स्थायी और न्यायसंगत मूल्य दिलाना, देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और आयात पर निर्भरता को खत्म करना है।
यह घोषणा कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित नेशनल एग्रीकल्चरल साइंस कॉम्प्लेक्स, पूसा में इस मिशन की औपचारिक शुरुआत करेंगे।
भारत बनेगा दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर
‘दालों में आत्मनिर्भरता मिशन’ का लक्ष्य देश में दालों की खेती का रकबा 27.5 मिलियन हेक्टेयर से बढ़ाकर 31 मिलियन हेक्टेयर और उत्पादन 24.2 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन तक करना है। सरकार का उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को दालों के उचित मूल्य की गारंटी देना भी है।
मंत्री चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार पंजीकृत किसानों से उनकी पूरी उपज की 100% खरीद सरकारी एजेंसियों के माध्यम से MSP पर करेगी। इससे किसानों को मूल्य स्थिरता मिलेगी और बाजार में दालों की कीमतों में अनावश्यक उतार-चढ़ाव से राहत मिलेगी।
उच्च उत्पादकता और गुणवत्तापूर्ण बीजों पर जोर
सरकार ने उच्च उपज, कीट-रोधी और जलवायु सहनशील दाल किस्मों के विकास के लिए एक वृहद अनुसंधान एवं विकास योजना तैयार की है। इसके तहत किसानों को 1.26 करोड़ क्विंटल प्रमाणित बीज और 88 लाख निःशुल्क बीज किट्स वितरित किए जाएंगे।
साथ ही, देश के प्रमुख दाल उत्पादक राज्यों में 1,000 नई प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिन्हें प्रत्येक को ₹25 लाख की सरकारी सब्सिडीप्रदान की जाएगी। इन इकाइयों से किसानों को स्थानीय स्तर पर मूल्य संवर्धन (Value Addition) के अधिक अवसर मिलेंगे।
मुख्य दाल फसलों पर रहेगा फोकस
मिशन के तहत विशेष रूप से तूर (अरहर), उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दाल फसलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन फसलों की खेती में वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ाने पर बल दिया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा और किसान आय में वृद्धि की दिशा में बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह निर्णय न केवल दाल उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। दालें मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिर करने की क्षमता रखती हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी और कृषि टिकाऊ (Sustainable)बनेगी।
चौहान ने कहा कि “भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाने का नहीं, बल्कि किसानों को स्थिर आय और सुरक्षित बाजार देने का है। MSP पर 100% खरीद सुनिश्चित करना इस दिशा में ऐतिहासिक कदम है।”
पृष्ठभूमि और व्यापक प्रभाव
भारत में वर्तमान में लगभग 27.5 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर दालों की खेती होती है, परंतु घरेलू मांग पूरी करने के लिए देश को अब भी कुछ मात्रा में आयात करना पड़ता है। ‘दालों में आत्मनिर्भरता मिशन’ के अंतर्गत रकबे में लगभग 12.7% वृद्धि कर इसे 31 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
यह मिशन देशभर में दाल मूल्य श्रृंखला (value chain) को सुदृढ़ करेगा — बीज उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण और विपणन तक। इसके साथ ही, किसानों की आय में सीधी बढ़ोतरी और ग्रामीण रोजगार में वृद्धि की संभावना है।
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