महाराष्ट्र के प्याज किसानों की समस्या पर लोकसभा में सरकार ने किया जवाब
24 जुलाई 2025, नई दिल्ली: महाराष्ट्र के प्याज किसानों की समस्या पर लोकसभा में सरकार ने किया जवाब – आज लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों नासिक, पुणे और डिंडोरी के किसानों की बढ़ती चिंता पर प्रकाश डाला। इन क्षेत्रों के सांसदों ने बताया कि प्याज की कीमतों में तेज गिरावट के कारण किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं और कई किसानों ने अपनी खेती का क्षेत्रफल कम कर दिया है।
उत्पादन में वृद्धि के बावजूद कीमतों में गिरावट
मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में 2024-25 के मौसम में प्याज की खेती का क्षेत्रफल 46% बढ़कर 9.78 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 6.67 लाख हेक्टेयर था। इसके बावजूद, जून 2024 से जून 2025 के बीच प्याज का थोक मूल्य सूचकांक (WPI) 279.2 से घटकर 185.7 हो गया, जो लगभग 33.5% की गिरावट दर्शाता है। इससे किसानों को उत्पादन और परिवहन लागत से कम दाम मिलने की समस्या उत्पन्न हुई है।
सरकारी प्रयास और समर्थन
कृषि मंत्री के अनुसार, सरकार प्रधानीमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) लागू कर किसानों को राहत दे रही है। 2024-25 से इस योजना में नया घटक “प्राइस डिफरेंशियल पेमेंट” (PDP) जोड़ा गया है, जिसके तहत किसानों को बाजार मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई सीधे भुगतान के रूप में की जाती है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के माध्यम से नाफेड और एनसीसीएफ जैसी संस्थाएं प्याज की खरीद कर बफर स्टॉक बनाने का काम कर रही हैं। रबी 2025 के लिए सरकार ने 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अब तक 1 लाख टन से अधिक की खरीद महाराष्ट्र से की जा चुकी है।
इसके अलावा, अप्रैल 2025 से प्याज पर 20% का निर्यात शुल्क हटा दिया गया है ताकि निर्यात बढ़े और किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके।
दीर्घकालीन सुधार और बुनियादी ढांचे का विकास
सरकार एमएसपी जैसे समर्थन और फसल बीमा योजना (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) के तहत प्याज को शामिल करने पर भी विचार कर रही है, जो राज्यों की मंजूरी पर निर्भर करेगा। साथ ही, मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) के तहत ठंडा भंडारण, रेफर वाहन और बाजार अवसंरचना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है ताकि उत्पादकों को बेहतर बाजार और नुकसान से बचाव मिल सके।
कृषि राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने किसानों के हित में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि ये सभी उपाय किसानों को उचित मूल्य दिलाने और बाजार स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं।
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