राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

शिवराज सिंह चौहान ने घटिया बीजों और कीटनाशकों पर जताई चिंता, सुधार की जरूरत पर दिया जोर

27 जून 2025, इंदौर: शिवराज सिंह चौहान ने घटिया बीजों और कीटनाशकों पर जताई चिंता, सुधार की जरूरत पर दिया जोर –  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशभर के किसानों की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि घटिया बीजों और कीटनाशकों का उपयोग कृषि उत्पादन पर बुरा असर डाल रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर त्वरित सुधार की आवश्यकता जताई और गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही।

इंदौर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि हाल ही में चलाए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान किसानों ने बीजों की गुणवत्ता और उपलब्धता को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं। “यह एक गंभीर मामला है। किसान अगर गुणवत्ताहीन बीजों और कीटनाशकों के कारण नुकसान झेलेंगे, तो कृषि क्षेत्र का विकास संभव नहीं है,” उन्होंने कहा।

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उन्होंने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए एक विस्तृत कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें किसानों, कृषि विश्वविद्यालयों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता और कीटनाशकों की निगरानी के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि नीति को नए दृष्टिकोण से संचालित करने की बात करते हुए चौहान ने कहा कि अब शोध केवल दिल्ली में बैठकर नहीं होगा, बल्कि वैज्ञानिकों को खेतों में जाकर किसानों की समस्याओं को समझते हुए समाधान देने होंगे। “अब शोध का विषय किसान तय करेगा, न कि केवल प्रयोगशाला,” उन्होंने कहा।

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उन्होंने विशेष रूप से सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की चर्चा की। चौहान ने बताया कि प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने के लिए जीनोम एडिटिंग, रोग प्रतिरोधी किस्में, बीज उपचार और समय पर रोग पहचान जैसी तकनीकों पर अनुसंधान किया जाएगा। साथ ही, कृषि में मशीनों के उपयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा क्योंकि खेत मजदूरों की उपलब्धता कम होती जा रही है।

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उन्होंने यह भी कहा कि सोयाबीन प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है और सोया मील का निर्यात बढ़ाने तथा टोफू और सोया दूध जैसे वैल्यू-एडेड उत्पादों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। चौहान ने बताया कि कई प्रगतिशील किसान प्रति एकड़ 20 क्विंटल तक की पैदावार ले रहे हैं और सरकार उनके अनुभवों से सीखकर उन्हें बड़े पैमाने पर लागू करेगी।

उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में अन्य फसलों को लेकर विशेष बैठकों का आयोजन किया जाएगा—कोयंबटूर में कपास, मेरठ में गन्ना, और कानपुर में दलहन फसलों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

प्रेस वार्ता के अंत में चौहान ने कहा, “हमारा मंत्र है: वन नेशन – वन एग्रीकल्चर – वन टीम। सभी को मिलकर देश की कृषि को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए काम करना होगा।”

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