वाराणसी में 13वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनाया घटिया बीज पर सख्त रुख
29 नवंबर 2024, नई दिल्ली: वाराणसी में 13वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनाया घटिया बीज पर सख्त रुख – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 13वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक और कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
श्री चौहान ने कहा कि खेती भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों के हित में बेहतर बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि अच्छे बीजों से उत्पादन 20% तक बढ़ाया जा सकता है। बीज की गुणवत्ता और उनकी समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए “लैब टू लैंड” (विज्ञान से किसान तक) अभियान को गति दी जा रही है।
घटिया बीज उपलब्ध कराना अपराध
केंद्रीय मंत्री ने बीज की गुणवत्ता को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि घटिया बीज उपलब्ध कराना किसानों और उत्पादन दोनों के लिए हानिकारक है। इसे एक गंभीर अपराध मानते हुए उन्होंने इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता बताई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को सस्ते और गुणवत्ता युक्त बीज आसानी से उपलब्ध कराने के लिए रोडमैप तैयार किया जाए।
श्री चौहान ने कहा कि भारत में अनियंत्रित रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के कारण मिट्टी और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसे ध्यान में रखते हुए हाल ही में कैबिनेट ने प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की इच्छा है कि भारत के लोगों को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक आहार मिले और इससे धरती का स्वास्थ्य भी बना रहे।
बीजों की नई किस्में और उनका महत्व
उन्होंने बताया कि आईसीएआर ने हाल ही में 109 नई बीज किस्में जारी की हैं, जो जलवायु अनुकूल, कम पानी में तैयार होने वाली और कम समय में बेहतर उत्पादन देने वाली हैं। उन्होंने बीजों को “खेती के प्राण” बताते हुए कहा कि अच्छे बीजों की समय पर उपलब्धता से किसानों को बड़ा लाभ होगा।
राष्ट्रीय बीज कांग्रेस का महत्व
राष्ट्रीय बीज कांग्रेस को महत्वपूर्ण मंच बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें किसान, कंपनियां और विशेषज्ञ मिलकर बीजों की उपलब्धता और गुणवत्ता पर चर्चा करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 13वीं बीज कांग्रेस में लिए गए निर्णयों की प्रगति 14वीं कांग्रेस में पेश की जाएगी।
श्री चौहान ने पारंपरिक चावल की 3,000 से अधिक किस्मों और अन्य परंपरागत बीजों को सहेजने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने भरोसा जताया कि यह कांग्रेस अपने उद्देश्य में सफल होगी और किसानों की समस्याओं के समाधान में कारगर सिद्ध होगी।
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