पीएम मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा बैठक: मछली पालन में सतत विकास और नवाचार पर जोर
13 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: पीएम मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा बैठक: मछली पालन में सतत विकास और नवाचार पर जोर – प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मत्स्य पालन विभाग ने नई दिल्ली में व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने की, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर पीएमएमएसवाई और अन्य मत्स्य पालन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई, चुनौतियों की पहचान की गई और ब्लू इकॉनॉमी के भविष्य के विकास की दिशा तय की गई।
मछलीपालन में बेहतर पद्धतियों और डिजिटल नवाचार पर जोर
सचिव ने बताया कि पिछले चार वर्षों में पीएमएमएसवाई के तहत कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। इसके साथ ही, मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) के माध्यम से क्षेत्र में निवेश और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के नवीनतम वैज्ञानिक शोधों से मछलीपालन में उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में राज्यों की ओर से भी कई महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां दी गईं। अरुणाचल प्रदेश के सचिव ने जीरो जिले में एकीकृत जल पार्क के विकास पर जानकारी दी, वहीं आंध्र प्रदेश के मत्स्य आयुक्त ने ‘फिश आंध्रा’ पहल पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य घरेलू मछली खपत को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ने मछुआरों और जलीय कृषि किसानों के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों के उपयोग पर रणनीतियां साझा कीं, जिससे बाजार पहुंच को बेहतर किया जा सके।
ब्लू इकॉनॉमी के विकास की दिशा
बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि देश के मछली पालन क्षेत्र को टिकाऊ और समृद्ध बनाने के प्रयासों को और मजबूती से आगे बढ़ाया जाएगा। मत्स्य पालन विभाग की ओर से 38,572 करोड़ रुपये का संचयी निवेश किया गया है, जिसमें नीली क्रांति योजना, एफआईडीएफ, पीएमएमएसवाई और पीएम-एमकेएसएसवाई जैसी योजनाओं का अहम योगदान है। इन योजनाओं से मछली पालकों, हाशिए पर रहने वाले समुदायों, महिलाओं और आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), जिसे मई 2020 में शुरू किया गया था, ने भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। इसका उद्देश्य न केवल मछली उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि मछुआरों के कल्याण, आधुनिक अवसंरचना निर्माण और बाजार के अवसरों को बढ़ावा देना भी है।
केंद्रीय मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने बताया कि मंत्रालय देश की ब्लू इकॉनॉमी के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सतत प्रथाओं और नई तकनीकों के माध्यम से भारत के मछली पालन क्षेत्र में और अधिक प्रगति की जाएगी, जिससे 2047 तक एक विकसित और समृद्ध ब्लू इकॉनॉमी का सपना साकार हो सके।
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