रेलवे ने बनाया रिकॉर्ड: सिर्फ 10 दिन में कश्मीर से दिल्ली 64 हजार टन सेब पहुंचाकर दिखाया कमाल
23 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: रेलवे ने बनाया रिकॉर्ड: सिर्फ 10 दिन में कश्मीर से दिल्ली 64 हजार टन सेब पहुंचाकर दिखाया कमाल – उत्तर रेलवे के जम्मू डिविजन ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित करते हुए मात्र 10 दिनों में कश्मीर से दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 64 हजार टन सेब सफलतापूर्वक पहुंचाए हैं। ये सेब बारामूला रेलवे स्टेशन से पार्सल ट्रेनों के माध्यम से भेजे गए, जिससे किसानों की बेचैनी कम हुई और फल उत्पादकों को बड़ी राहत मिली। इस तेज और असरदार सेवा ने कश्मीर के सेब उद्योग में एक नई उम्मीद जगाई है।
11 सितंबर को उत्तर रेलवे ने दो पार्सल ट्रेनों को रवाना किया, जिनमें से एक रेक जम्मू की ओर और दूसरी आदर्श नगर, दिल्ली के लिए निकली। हर पार्सल वैन में लगभग 23 टन सेब भरा गया था। इस सेवा को एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना गया क्योंकि पहली पार्सल ट्रेन ने 21 घंटे से भी कम समय में बडगाम रेलवे स्टेशन से दिल्ली के आदर्श नगर तक अपनी मंजिल पूरी की। वहीं दूसरी ट्रेन जम्मू 6 घंटे से भी कम समय में पहुंच गई।
15 सितंबर, 2025 को श्रीनगर से आदर्श नगर, दिल्ली तक आठ पार्सल वैन कोच वाली ट्रेनें भी रवाना की गईं, जिन्हें उपराज्यपाल ने हरी झंडी दिखाई। हर वैन कोच की भार क्षमता 23 टन थी। ये ट्रेनें सड़क मार्ग की तुलना में काफी तेज गति से माल पहुंचा रही हैं। जम्मू रेलवे डिविजन के सीनियर मैनेजर के मुताबिक, यह सेवा अभी भी निरंतर जारी है और इसे भविष्य में और बढ़ाने की योजना है।
सेब के साथ अब सरसों तेल की भी ट्रेन सेवा शुरू
कश्मीर के अनंतनाग गुड्स शेड टर्मिनल से बीसीएन कवर्ड वैगन और पार्सल कोच के जरिये अब तक 6400 टन से अधिक सेब आदर्श नगर, दिल्ली पहुंचाए जा चुके हैं। रेलवे द्वारा शुरू की गई संयुक्त पार्सल उत्पाद-रैपिड कार्गो सेवा (जेपीपी-आरसीएस) ने कश्मीर से सेब के परिवहन को बहुत आसान बना दिया है।
इसके अलावा, इस पार्सल ट्रेन सेवा को अन्य जरूरी वस्तुओं के ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी बढ़ाया गया है। बारी ब्राह्मणा से बडगाम तक अब तक 500 टन से अधिक सरसों का तेल और अन्य खाद्य सामग्री ट्रेन के जरिए भेजी जा चुकी है। इस सेवा के कारण सड़क मार्ग बाधित होने पर भी आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में कोई कमी नहीं आएगी। जल्द ही बारामूला रेलवे स्टेशन से पार्सल रेक के साथ अतिरिक्त ट्रेन सेवाएं भी शुरू की जाएंगी।
रेलवे की इस पहल ने न केवल कश्मीर के किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाया है, बल्कि कश्मीर से देश के बाकी हिस्सों में माल ढुलाई के तरीके में भी सुधार किया है।
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