राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

मानसून के बिगड़े मिजाज से धान-दलहन का रकबा घटा

कम पानी से धान, अधिक से दलहन और बाढ़ से सोयाबीन उत्पादन पर होगा असर

29 अगस्त 2022, नई दिल्ली/भोपाल: (अतुल सक्सेना) मानसून के बिगड़े मिजाज से धान-दलहन का रकबा घटा – मानसून के बिगड़े मिजाज ने खरीफ फसलों की स्थिति बिगाड़ दी है। देश में धान एवं दलहनी फसलों का रकबा घटा है, तो दूसरी तरफ म.प्र. में प्रमुख तिलहनी फसल सोयाबीन के खेत पानी से लबालब हो गए हैं। खासकर भोपाल-चंबल संभाग में बाढ़ से विकट संकट खड़ा हो गया है जबकि राज्य के अन्य भागों में स्थिति सामान्य है।

Advertisement
Advertisement

धान : चालू सीजन में देश भर में मानसून की स्थिति सामान्य है परन्तु धान बाहुल्य पूर्वी राज्यों में इतनी वर्षा नहीं हुई जितनी धान फसल के लिए आवश्यक है। यही कारण है कि चालू खरीफ में धान का रकबा घटा है। देश में 397 लाख हेक्टेयर सामान्य रकबे के विरुद्ध अब तक 343 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान बोई गई है जबकि गत वर्ष समान अवधि में 374 लाख 63 हजार हेक्टेयर में धान की बोनी हो गई थी। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में लगभग 30 लाख हेक्टेयर की कमी आयी है। इस कमी का मुख्य कारण मानसून की बेरुखी को माना जा रहा है। क्योंकि देश के धान बाहुल्य राज्य पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखण्ड, मणिपुर, त्रिपुरा, उ.प्र. एवं बिहार में पानी की कमी बनी हुई है।

दलहन : वहीं दूसरी तरफ दलहनी फसलें महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में अधिक होती हैं। जहां सामान्य से अधिक वर्षा हो रही है इसी कारण अब तक 127 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई है जबकि गत वर्ष समान अवधि में 134 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गई थी। जो लगभग 7 लाख हेक्टेयर अधिक है। कुल मिलाकर जिन धान वाले राज्यों में अधिक वर्षा की जरुरत है वहां कमी बनी हुई है और जहां दलहनी फसलें अधिक होती हैं वहां पानी की अधिकता है। इस कारण रकबा तो घटा ही है साथ ही उत्पादन भी प्रभावित होने की संभावना है।

Advertisement8
Advertisement

मौसम : मौसम विभाग के मुताबिक 26 अगस्त तक मानसूनी सीजन में देश के 703 जिलों में से 92 जिलों में सामान्य से अत्यधिक, 147 जिलों में सामान्य से अधिक, 241 जिलों में सामान्य, 193 जिलों में सामान्य से कम एवं 30 जिलों में अत्यधिक कम वर्षा दर्ज की गई है।

Advertisement8
Advertisement

म.प्र. में सोयाबीन पर संकट : इधर म.प्र. के भोपाल, नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, सागर, मुरैना, भिण्ड जिलों में गत दिनों हुई आफत की बारिश ने तबाही मचा दी है। बाढ़ के कारण खेतों में धान, सोयाबीन, मक्का की खड़ी फसल डूब गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने डूबे क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर कहा है कि फसल, मकान एवं सामान का जो नुकसान हुआ है उन्हें राहत राशि दिलाई जाएगी तथा फसल बीमा की राशि दिलाकर हर संभव सहायता की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी उतरने के बाद सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी कहा है कि सर्वे के बाद ही फसल नुकसान की जानकारी दी जा सकेगी। वर्तमान खरीफ सीजन में प्रदेश में अब तक कुल 143 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई गई हैं जबकि गत वर्ष इस अवधि में 144.33 लाख हेक्टेयर में बोनी कर ली गई थी। इसमें सोयाबीन की बोनी 50.18 लाख हेक्टेयर में एवं धान की बोनी 32.20 लाख हेक्टेयर में हुई है।

महत्वपूर्ण खबर:मंदसौर के मल्हारगढ़ में लहसुन की बड़ी आवक से कीमतों में गिरावट

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़ ,  टेलीग्राम )

Advertisements
Advertisement5
Advertisement