इक्रीसेट को मिला नया नेतृत्व, डॉ. हिमांशु पाठक बने महानिदेशक
07 मार्च 2025, हैदराबाद: इक्रीसेट को मिला नया नेतृत्व, डॉ. हिमांशु पाठक बने महानिदेशक – इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) ने डॉ. हिमांशु पाठक को अपना नया महानिदेशक नियुक्त किया है। 6 मार्च को आयोजित एक समारोह में उनका औपचारिक स्वागत किया गया।
इस आयोजन में कृषि अनुसंधान और विकास से जुड़े कई अहम विशेषज्ञ शामिल हुए। कुछ गणमान्य अतिथि कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे, जबकि अफ्रीका और अन्य स्थानों से लोग वर्चुअल रूप से जुड़े।
अपनी पहली संबोधन में डॉ. पाठक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जनसंख्या और कृषि क्षेत्र में निवेश की बदलती तस्वीर के बीच इक्रीसेट की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा अहम हो गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संस्थान उन्नत वैज्ञानिक शोध और साझेदारी के जरिए शुष्क इलाकों की खेती को मजबूत बनाने पर काम करेगा।
“आज वैश्विक कृषि एक अहम मोड़ पर खड़ी है। ऐसे समय में इक्रीसेट की कमान संभालना मेरे लिए गर्व और जिम्मेदारी, दोनों की बात है। हम विज्ञान और नवाचार के जरिए शुष्क क्षेत्रों की खेती को जलवायु परिवर्तन के अनुरूप बनाने और किसानों को नए अवसर देने की दिशा में काम करेंगे। मेरा विश्वास है कि हमारी कोशिशें न केवल मौजूदा चुनौतियों का हल निकालेंगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य भी तैयार करेंगी,” डॉ. पाठक ने कहा।
डॉ. पाठक की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब अंतरिम महानिदेशक के तौर पर डॉ. स्टैनफोर्ड ब्लेड ने संस्थान का नेतृत्व किया। इक्रीसेट ने उनके योगदान की सराहना की, साथ ही पूर्व महानिदेशक डॉ. जैकलीन ह्यूजेस के उल्लेखनीय कार्यों के लिए भी आभार जताया।
CGIAR की कार्यकारी प्रबंध निदेशक, डॉ. इस्माहाने एलौआफी ने डॉ. पाठक की नियुक्ति का स्वागत किया और उनके कृषि अनुसंधान व नवाचार में योगदान की सराहना की।
“डॉ. पाठक के नेतृत्व में इक्रीसेट, CGIAR परिवार के एक मजबूत स्तंभ के रूप में, शुष्क क्षेत्रों की खाद्य प्रणालियों को सशक्त बनाएगा और समुदायों को बेहतर कृषि समाधान उपलब्ध कराएगा,” उन्होंने कहा।
इक्रीसेट के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष, प्रोफेसर प्रभु पिंगाली ने भी डॉ. पाठक को शुभकामनाएं देते हुए उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता की सराहना की।
“आज जब वैश्विक खाद्य प्रणालियों को जलवायु संकट और बदलती जरूरतों के अनुरूप ढालने की चुनौती है, ऐसे में डॉ. पाठक का अनुभव और नेतृत्व बेहद महत्वपूर्ण होगा। उनके मार्गदर्शन में इक्रीसेट छोटे किसानों को सशक्त बनाने, कृषि को जलवायु-सहिष्णु बनाने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गवर्निंग बोर्ड की ओर से मैं उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देता हूं,” प्रो. पिंगाली ने कहा।
गवर्निंग बोर्ड की नव-निर्वाचित अध्यक्ष, प्रोफेसर कैथी रीड ने भी डॉ. पाठक को शुभकामनाएं देते हुए इक्रीसेट की वैश्विक नेतृत्वकारी भूमिका को लेकर विश्वास जताया।
“हमारे पास एक मजबूत साझेदारी नेटवर्क, महत्वपूर्ण कृषि फसल अनुसंधान और सबसे बड़ी ताकत—इक्रीसेट की समर्पित टीम है, जो शुष्क क्षेत्रों को बेहतर बनाने और वहां रहने वाले किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है,” उन्होंने कहा।
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