मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों को चिंता में डाला
मालवा निमाड़ अंचल में बुरी तरह से प्रभावित हुई फसलें
31 मई 2025, उज्जैन: मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों को चिंता में डाला – मई की शुरुआत से ही मौसम के बिगड़े मिजाज ने जिले सहित पूरे प्रदेश के किसानों को चिंता में डाल दिया है। नौतपा के दौरान जहां भीषण गर्मी की उम्मीद की जा रही थी, वहां तेज आंधी और असमय बारिश ने फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। विशेषकर मालवा और निमाड़ अंचलों में प्याज, मूंग, केला और पान की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। खेतों में जलभराव और तेज हवाओं के चलते 10 से 40 प्रतिशत तक फसलें नष्ट हो गई हैं।
देवास जिले में प्याज की फसल को करीब 30 प्रतिशत और मूंग को 35 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। जिले में प्याज की खेती लगभग 24 हजार हेक्टेयर और मूंग की खेती 30-35 हजार हेक्टेयर में होती है। कृषि उप संचालक गोपेश पाठक ने बताया कि उद्यानिकी विभाग प्याज के नुकसान की जानकारी जुटा रहा है, जबकि कृषि विभाग मूंग की फसल के नुकसान का आकलन कर रहा है।
खरगोन:
यहां मूंग की फसल को 15 प्रतिशत और प्याज को 10 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। भारतीय किसान संघ के संभागीय अध्यक्ष श्याम पवार ने बताया कि कई जगह फसल कटने के बाद भी नुकसान हो गया। कृषि उप संचालक एसएस राजपूत ने कहा कि नुकसान की जानकारी ली जा रही है।
शाजापुर:
शाजापुर जिले में 10500 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल हुई थी। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष सवाई सिंह सिसोदिया के अनुसार प्याज को 30-40 प्रतिशत और मूंग को 15-20 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग द्वारा फसल नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। यहां मूंग और प्याज की फसल को 40 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। संयुक्त कृषक संगठन के जिलाध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने बताया कि प्याज भीगने से सडऩे लगा है और मूंग के खेतों में जलभराव से अंकुरण शुरू हो गया है। एडीएम काशीराम बडोले ने बताया कि किसानों ने सर्वे की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है, और विभागों को कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: