राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

ओडिशा में पशुधन जनगणना के लिए अधिकारियों को मिला विशेष प्रशिक्षण

27 जुलाई 2024, पुरी: ओडिशा में पशुधन जनगणना के लिए अधिकारियों को मिला विशेष प्रशिक्षण – भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड के राज्य और जिला नोडल अधिकारियों के लिए 21वीं पशुधन जनगणना पर एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण पुरी में आयोजित किया गया, जहां अधिकारियों को मोबाइल और वेब एप्लिकेशन के उपयोग के बारे में प्रशिक्षित किया गया, जो सितंबर-दिसंबर 2024 के दौरान पशुधन जनगणना के लिए आवश्यक होगा।

कार्यशाला का उद्घाटन मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारत की सबसे अधिक पशुधन संख्या पर प्रकाश डाला और पशुधन क्षेत्र के भारतीय अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा के लिए महत्व को रेखांकित किया।

Advertisement
Advertisement

कार्यशाला में पशुधन सांख्यिकी प्रभाग द्वारा 21वीं पशुधन जनगणना के संक्षिप्त विवरण के साथ कई सत्र आयोजित किए गए। आईसीएआर-एनबीएजीआर की टीम ने जनगणना में शामिल की जाने वाली नस्लों पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें सटीक नस्ल पहचान के महत्व पर जोर दिया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला ने राज्य और जिला नोडल अधिकारियों को नवीनतम तकनीकों और उपकरणों से लैस किया, जिससे वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावी जनगणना कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य भारतीय पशुपालन क्षेत्र की भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना है।

Advertisement8
Advertisement

इस अवसर पर विभाग के सलाहकार (सांख्यिकी) श्री जगत हजारिका ने कहा कि 21वीं पशुधन जनगणना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी है और उन्होंने नवीनतम तकनीकों का लाभ उठाने का आग्रह किया।

Advertisement8
Advertisement

ओडिशा सरकार के प्रधान सचिव, एएच एंड वीएस, श्री सुरेश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि पशुधन को “पशुधन” के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए और इसके महत्व को मानव संसाधन विकास के समान समझा जाना चाहिए।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement