गांवों में अब मिलेगा आसानी से बैंक लोन, सरकार ला रही खास ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’
06 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: गांवों में अब मिलेगा आसानी से बैंक लोन, सरकार ला रही खास ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ – अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों और स्वयं सहायता समूहों (SHG) के सदस्यों के लिए बैंक लोन पाना आसान हो सकता है। केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ नामक एक नई प्रणाली की घोषणा की है, जिसे खासतौर पर ग्रामीण उधारकर्ताओं की ऋण ज़रूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा।
इस पहल का मकसद ग्रामीण आबादी को औपचारिक बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना और उन्हें पारदर्शी तरीके से लोन देने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
क्या है ग्रामीण क्रेडिट स्कोर?
वर्तमान में जो क्रेडिट स्कोर प्रणाली क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) द्वारा अपनाई जाती है, वह शहरी और ग्रामीण – सभी उधारकर्ताओं के लिए एक जैसी होती है। यानी उसमें ग्रामीण आबादी की सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय परिस्थितियों का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जाता।
नई योजना के तहत तैयार किया जा रहा ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ इन कमियों को दूर करेगा। इसके ज़रिए बैंक ग्रामीण उधारकर्ताओं की वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और उसी आधार पर लोन देने का निर्णय ले सकेंगे।
कौन तैयार करेगा ये स्कोर?
यह स्कोर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक विकसित करेंगे। इसके लिए सरकार सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है ताकि स्कोरिंग सिस्टम व्यावहारिक और सटीक हो सके। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने यह जानकारी राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बहुत बड़ी आबादी लोन लेने के लिए साहूकारों या अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर रहती है। एक पारदर्शी और क्षेत्रीय विशेषताओं को ध्यान में रखने वाली स्कोर प्रणाली ग्रामीण समाज को औपचारिक बैंकिंग से जोड़ सकती है।
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