खरीफ 2025 में बुवाई का रकबा बढ़ा, धान और मोटे अनाज में उछाल, तिलहन व कपास में कमी
30 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: खरीफ 2025 में बुवाई का रकबा बढ़ा, धान और मोटे अनाज में उछाल, तिलहन व कपास में कमी – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 26 सितम्बर 2025 तक खरीफ फसलों की बोआई का ताज़ा आँकड़ा जारी किया है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस वर्ष कुल खरीफ बोआई का रकबा 1120.73 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष के 1113.72 लाख हेक्टेयर से लगभग 7.01 लाख हेक्टेयर अधिक है। यह सामान्य औसत क्षेत्रफल (2019-20 से 2023-24) से भी 24 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
खरीफ फसलों का क्षेत्रफल (लाख हेक्टेयर में)
खरीफ फसलों का विस्तृत क्षेत्रफल (लाख हेक्टेयर में)
फसल / उपफसल | सामान्य क्षेत्र | 2025–26 | 2024–25 | अंतर (+/-) |
---|---|---|---|---|
धान | 403.09 | 441.58 | 435.68 | +5.91 |
दलहन | 129.61 | 119.85 | 118.95 | +0.90 |
– तूर | 44.71 | 46.31 | 46.39 | -0.08 |
– कुल्थी | 32.64 | 24.29 | 22.87 | +1.42 |
– उड़द | 35.69 | 34.84 | 34.96 | -0.12 |
– मूंग | 1.72 | 0.67 | 0.56 | +0.12 |
– अन्य दलहन | 9.70 | 9.24 | 9.63 | -0.40 |
– मोठ बीन | 5.15 | 4.51 | 4.55 | -0.04 |
मोटे अनाज | 180.71 | 194.67 | 182.66 | +12.01 |
– ज्वार | 15.07 | 14.07 | 14.15 | -0.08 |
– बाजरा | 70.69 | 68.44 | 68.65 | -0.21 |
– रागी | 11.52 | 11.81 | 11.00 | +0.81 |
– मक्का | 4.48 | 5.39 | 4.56 | +0.84 |
– अन्य छोटे अनाज | 78.95 | 94.95 | 84.30 | +10.65 |
तिलहन | 194.63 | 190.01 | 200.52 | -10.52 |
– मूंगफली | 45.10 | 48.31 | 49.96 | -1.65 |
– तिल (सेसमम) | 127.19 | 120.45 | 129.55 | -9.10 |
– सूरजमुखी | 1.29 | 0.70 | 0.73 | -0.02 |
– सोयाबीन | 10.32 | 10.50 | 11.07 | -0.56 |
– निगर | 1.08 | 1.02 | 0.98 | +0.05 |
– अरंडी | 9.65 | 8.94 | 8.17 | +0.77 |
– अन्य तेलहन | 0.00 | 0.08 | 0.07 | +0.01 |
गन्ना | 52.51 | 59.07 | 57.22 | +1.86 |
जूट व मेशा | 6.60 | 5.56 | 5.75 | -0.18 |
कपास | 129.50 | 109.98 | 112.95 | -2.97 |
कुल | 1096.65 | 1120.73 | 1113.72 | +7.01 |
फसलवार विश्लेषण
धान की बोआई 441.58 लाख हेक्टेयर तक पहुँची है, जो पिछले वर्ष से लगभग 6 लाख हेक्टेयर अधिक है। यह दर्शाता है कि किसानों की रुचि और सरकार की खरीद नीतियाँ धान उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही हैं।
दलहनों में कुल रकबा मामूली बढ़ोतरी के साथ 119.85 लाख हेक्टेयर रहा। कुल्थी और मूंग की बोआई बढ़ी है, जबकि तूर और उड़द में थोड़ी कमी दर्ज हुई है।
मोटे अनाजों में इस वर्ष उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। कुल बोआई 194.67 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष से 12 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसमें मुख्य योगदान छोटे मोटे बाजरा व अन्य कुट्टु वर्गीय अनाजों का रहा, जिनका रकबा 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ा है। रागी और मक्का की बोआई भी बढ़ी है। यह रुझान सरकार की ‘‘मिलेट मिशन’’ और पौष्टिक अनाजों के प्रति जागरूकता से मेल खाता है।
तिलहनों का क्षेत्रफल 190.01 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10.5 लाख हेक्टेयर कम है। इसमें सबसे बड़ी गिरावट तिल (सेसमम) में रही। मूंगफली और सोयाबीन का क्षेत्र भी घटा है। हालाँकि, निगर व अरंडी जैसी फसलों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
गन्ने की बोआई 59.07 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष से लगभग 2 लाख हेक्टेयर अधिक है। यह चीनी एवं एथेनॉल उद्योग की बढ़ती माँग को दर्शाता है।
कपास का रकबा घटकर 109.98 लाख हेक्टेयर पर आ गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3 लाख हेक्टेयर कम है। जूट व मेशा की बोआई में भी हल्की कमी देखी गई।
कुल मिलाकर खरीफ 2025 में बोआई का परिदृश्य सकारात्मक रहा है। धान, मोटे अनाज और गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी से खाद्य और औद्योगिक दोनों आवश्यकताओं की पूर्ति की उम्मीद है। हालाँकि, तिलहन और कपास में गिरावट नीतिगत चिंता का विषय है और इन फसलों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता होगी।
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