“भारतीय कृषि के दोहन से स्वदेशी और वैश्विक समृद्धि” पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
21 जुलाई 2022, नई दिल्ली: “भारतीय कृषि के दोहन से स्वदेशी और वैश्विक समृद्धि” पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन – भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष “आजादी का अमृत महोत्सव” को चिह्नित करने के लिए”भारतीय कृषि के दोहन से स्वदेशी और वैश्विक समृद्धि ” के विषय पर भारतीय किसान संघ (भा.कि.संघ ) और भारतीय अॅग्रो-इकॉनॉमिक रिसर्च सेंटर (BAERC) द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अ.प.) के सहयोग से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (NASC), भा.कृ.अ.प. नई दिल्ली, भारत में २२-२३ जुलाई, २०२२ को होने जा रहा है।
सम्मेलन का उद्घाटन श्री मनीष गोबिन, माननीय कृषि उद्योग और खाद्य सुरक्षा मंत्री मॉरीशस गणराज्य के मुख्य अतिथि तथा श्री नरेंद्र सिंह तोमर, माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत के अध्यक्ष जैसे प्रतिष्ठित । डॉ. प्रोफेसर रतन लाल, यूनिवर्सिटी प्रोफेसर ऑफ सॉयल साइंस, ओहियो यूनिवर्सिटी (यूएसए) बीज वक्ता और डॉ. प्रो. बुई ची बुउ, डायरेक्टर जनरल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस और क्यू डेल्टा राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ वियतनाम, विशेषज्ञ वक्ता रहेंगे। समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री दत्तात्रेय होसाबले,सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ होंगे।
कृषि क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों को परिलक्षित करने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आठ तकनीकी सत्र होंगे जिसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले विद्वान वक्ताओं के व्याख्यान शामिल होंगे। सम्मेलन के मुख्य संरक्षक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, सचिव, डेयर, भारत सरकार और महानिदेशक, भाकृअप,श्री बद्री नारायण चौधरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भा.कि.संघ, एवं संरक्षक डॉ. ए.के. सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअप, नई दिल्ली, श्री मोहिनी मोहन मिश्रा, महासचिव, भा.कि.संघ, डॉ. जलपतिराव राष्ट्रीय अध्यक्ष, B.A.E.R.C. होंगे।
आयोजन समिति के सदस्य सचिव डॉ. मकरंद करकरे ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में विस्तार से बताया कि कृषि के विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां भारतीय कृषि के योगदान को चिह्नित करने के लिए प्रमुख मुद्दों पर अपने मार्गदर्शन एवं विचार-विमर्श से प्रतिभागियों को लाभन्वित कराएंगी। स्वदेशी और वैश्विक समृद्धि, विभिन्न तकनीकी सत्रों के दौरान प्रभावी ग्रामीण सामाजिक समृद्धि के लिए नई कृषि-पशु चिकित्सा प्रौद्योगिकियों को अपनाने और एकीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता, देश एवं विश्व में भारतीय कृषि के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव आदि विषयों से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी
सम्मेलन हाइब्रिड मोड यानी ऑनलाइन और ऑफ लाइन (भौतिक) मोड में होगा।
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