BIMSTEC कृषि बैठक में भारत ने रखा ‘कृषि उत्कृष्टता केंद्र’ का प्रस्ताव, चौहान ने की ये अपील
10 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: BIMSTEC कृषि बैठक में भारत ने रखा ‘कृषि उत्कृष्टता केंद्र’ का प्रस्ताव, चौहान ने की ये अपील – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 9 अप्रैल 2025 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित तीसरी बिम्सटेक(BIMSTEC) कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस बैठक में बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय कृषि सहयोग को बढ़ावा देना और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था।
बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। इसकी पहली कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक 2019 में म्यांमार और दूसरी 2022 में भारत में हुई थी। इस बार की बैठक में मत्स्य पालन, पशुधन और कृषि विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
चौहान ने अपने संबोधन में कहा, “बिम्सटेक भारत की ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को साकार करने का स्वाभाविक मंच है। यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने की क्षमता रखता है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत डिजिटल तकनीकों के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने पर ध्यान दे रहा है।
बैठक में भारत ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा, जिसमें ‘भारत में कृषि सहयोग के लिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना की बात कही गई। यह केंद्र सटीक कृषि, जलवायु जोखिम प्रबंधन, प्राकृतिक खेती, लैंगिक समानता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों पर काम करेगा। साथ ही, ड्रोन और डिजिटल तकनीकों के जरिए खाद्य सुरक्षा और आजीविका को मजबूत करने के लिए ज्ञान साझा करने का मंच प्रदान करेगा।
इसके अलावा, चौहान ने बिम्सटेक देशों से 1-4 मई 2025 को मुंबई में आयोजित होने वाले विश्व ऑडियो विजुअल मनोरंजन शिखर सम्मेलन में भाग लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि यह आयोजन रचनात्मकता और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक मंच होगा।
बिम्सटेक के तहत भारत पहले से ही सदस्य देशों के लिए कई पहल कर रहा है, जैसे बीज विकास, पशु स्वास्थ्य और कीट प्रबंधन में प्रशिक्षण और कार्यशालाएं। साथ ही, बिम्सटेक देशों के छात्रों को भारत में एम.एससी. और पीएचडी के लिए पूरी तरह वित्तपोषित छात्रवृत्तियां भी दी जा रही हैं।
बैठक में कृषि सहयोग को और मजबूत करने के लिए 2023-2027 की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। चौहान ने बिम्सटेक देशों के नेताओं के प्रयासों की सराहना की और खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और सतत कृषि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
यह बैठक क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसमें भारत एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
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