दक्षिणी राज्यों में पशुपालन और डेयरी विकास को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित
07 नवंबर 2024, नई दिल्ली: दक्षिणी राज्यों में पशुपालन और डेयरी विकास को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित – आज नई दिल्ली में दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता श्रीमती अल्का उपाध्याय, सचिव, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (डीएएचडी) ने की। बैठक में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में चल रहे प्रमुख कार्यक्रमों की प्रगति पर चर्चा की गई, जिनमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम), राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) शामिल थे।
बैठक में खासतौर पर पोल्ट्री, सुअर पालन और अन्य पशुधन क्षेत्रों के लिए सामूहिक कार्यक्रमों की पहचान करने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया गया। श्रीमती उपाध्याय ने अधिकारियों से इन कार्यक्रमों की कार्यान्वयन स्थिति की समीक्षा करने और बुनियादी ढांचे के सुधार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही, लाभार्थियों को पुनर्संरेखित पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना का लाभ अधिकतम तरीके से देने का भी आह्वान किया गया।
बैठक में पशु चिकित्सा शिक्षा के विस्तार की भी आवश्यकता महसूस की गई, क्योंकि देश में पेशेवर पशु चिकित्सकों की मांग लगातार बढ़ रही है। सचिव ने राज्यों से अधिक पशु चिकित्सा विद्यालय स्थापित करने और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत बनाए गए स्व-सहायता समूहों के सहयोग से पशुपालन क्षेत्र में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने का अनुरोध किया।
इसके अलावा, बैठक में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के अंतर्गत खुरपका और मुंहपका बीमारी (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियों के नियंत्रण की स्थिति पर चर्चा की गई। डीएएचडी सचिव ने मवेशियों, भैंसों, भेड़ों और बकरियों के टीकाकरण की समीक्षा की और इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता को बताया।
21वीं पशुधन जनगणना पर भी विस्तार से चर्चा की गई। श्रीमती उपाध्याय ने इस जनगणना के महत्व को रेखांकित किया, जो भविष्य की नीतियों और योजनाओं को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने इसके सफल कार्यान्वयन के लिए नवीनतम तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया।
बैठक में सुश्री वर्षा जोशी, अतिरिक्त सचिव, डॉ. अभिजीत मित्रा, पशुपालन आयुक्त, और सुश्री सरिता चौहान, संयुक्त सचिव सहित मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। इसके साथ ही, राज्य पशुपालन विभागों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भी बैठक में अपना योगदान दिया।
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