राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत और नीदरलैंड्स ने कृषि में नई तकनीक, प्रशिक्षण और व्यापार सहयोग को गहरा किया

02 नवंबर 2025, नई दिल्ली: भारत और नीदरलैंड्स ने कृषि में नई तकनीक, प्रशिक्षण और व्यापार सहयोग को गहरा किया – भारत और नीदरलैंड्स ने कृषि क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपने सहयोग को एक नए चरण में ले जाने पर सहमति जताई है। यह प्रगति कृषि पर आठवीं संयुक्त कार्यकारी समूह (जे.डब्ल्यू.जी.) बैठक में हुई, जिसका आयोजन बीते दिन कृषि भवन में किया गया। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव (बागवानी) प्रिय रंजन ने और नीदरलैंड्स के कृषि, प्रकृति और खाद्य गुणवत्ता मंत्रालय से गुइडो लैंडहेयर ने की।

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संवाद में पारंपरिक सहयोग की समीक्षा से आगे बढ़कर, दोनों पक्षों ने आज की कृषि चुनौतियों—जैसे जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और चक्रीय खेती—से निपटने के वैश्विक समाधानों पर जोर दिया। नियंत्रित वातावरण कृषि में नीदरलैंड्स की विशेषज्ञता और भारत के बढ़ते बागवानी क्षेत्र को इस सहयोग के प्रमुख आधारों के रूप में रेखांकित किया गया।

बैठक का एक प्रमुख बिंदु भारत-नीदरलैंड्स साझेदारी के अंतर्गत स्थापित “उत्कृष्टता केंद्रों” (CoEs) की प्रगति रही, जिनके माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली रोपणी सामग्री, उन्नत बीज उत्पादन और हजारों किसानों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण मिला है। इस मॉडल को और अधिक राज्यों और बागवानी उप-क्षेत्रों में विस्तार देने की दिशा में सकारात्मक संकेत मिले हैं।

बैठक के दौरान कई नए क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई, जिनमें फाइटोसैनिटरी सहयोग, बीज क्षेत्र में नवाचार, पशुपालन और डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा, चक्रीय कृषि, ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी, ज्ञान विनिमय और नेचुरली वेंटिलेटेड पॉलीहाउस शामिल थे।

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दोनों पक्षों ने वार्ता को सार्थक और परिणामोन्मुखी बताया और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

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नीदरलैंड्स की ओर से प्रतिनिधिमंडल में कृषि काउंसलर मैरियन वैन शैक, सीनियर पॉलिसी ऑफिसर सारा विसर रविचंद्रन और नीति सलाहकार श्रीताणु चटर्जी शामिल थे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, पशुपालन एवं डेयरी विभाग और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

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