राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (e-NAM) की सातवीं वर्षगांठ, 2लाख करोड़ से अधिक का रिकॉर्ड व्यापार
17 अप्रैल 2023, नई दिल्ली: राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (e-NAM) की सातवीं वर्षगांठ, 2लाख करोड़ से अधिक का रिकॉर्ड व्यापार – केंद्र सरकार द्वारा किसानो के कल्याण के लिए लागू की गई राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) योजना की सफलता के 7 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2016 को लॉन्च किया गया था। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। अभी तक पूरे देश के 22 राज्यों व 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1260 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया हैं। देशभर में कुल 1.75 करोड़ से अधिक किसान और 2.41 लाख व्यापारी ई-नाम पोर्टल पर पंजीकृत है।
ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 7.34 करोड़ मीट्रिक टन और 22.39 करोड़ (बांस, सुपारी, नारियल, नींबू और स्वीट कॉर्न (मक्का)) की कुल मात्रा सामूहिक रूप से लगभग 2.55 लाख करोड़ का व्यापार रिकॉर्ड किया गया हैं।
क्या हैं राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना ?
केंद्र सरकार द्वारा किसानो को अपनी फसल बेचने के लिए ई-नाम (e-NAM) पोर्टल नाम का ऑनलाइन मार्केटप्लेस उपलब्ध करवाया गया हैं। यह एक पूर्णत: डिजीटल पोर्टल हैं जिसके माध्यम से किसान, व्यापारी व खरीददार को एक मंच पर लाया गया हैं।
राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के लाभ
1.किसानों और खरीदारों के बीच कोई बिचौलिया या दलाल नहीं आ पाता है, किसान सीधे अपने सामान को बेच व खरीद सकते हैं।
2.किसान इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन फसल को बेच सकता हैं जिसके लिए उसको किसी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं।
3.इस पोर्टल में देश के 1.75 करोड़ किसानों और 2.41 लाख व्यापारी जुड़े हुए हैं।
4. राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार होने के कारण किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलता है।
5. राज्य के स्थानीय व्यापारी के लिए मंडी में ई-नाम माध्यमिक व्यापार को राष्ट्रीय बाजार तक पहुँचने का अवसर प्रदान करता है।
6. ई-नाम पोर्टल कीमतों और उपलब्धता को भी स्थिर करता है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम )