राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि उत्पाद निर्यात क्षेत्र में देश को शीर्ष 5 देशों में शामिल करने का लक्ष्य

आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली का 60वां दीक्षांत समारोह

14 फरवरी 2022, नई दिल्ली।  कृषि उत्पाद निर्यात क्षेत्र में देश को शीर्ष 5 देशों में शामिल करने का लक्ष्य – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान-आईसीएआर के स्नातकोत्तर विद्यालय के 284 विद्यार्थियों को पुरस्कार और डिग्री प्रदान की। पुरस्कार और डिग्री प्राप्त करने वाले इन विद्यार्थियों में 8 विदेशी छात्र भी शामिल हैं। इस अवसर पर श्री तोमर ने सभी कृषि संस्थानों से अच्छे किसान तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित करने की अपील की। कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री तोमर ने कहा कि, भारत को शीर्ष 10 कृषि उत्पाद निर्यातक देशों में शामिल करावाया है। हमारा लक्ष्य भारत को शीर्ष 5 देशों में शामिल करना है और मुझे यकीन है कि हमारे कृषि संस्थानों के प्रयासों और शोध से भारत इस लक्ष्य को बहुत जल्द प्राप्त कर लेगा।

ड्रोन पर शत-प्रतिशत अनुदान

किसानों के लाभ के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग और विभिन्न हितधारकों के लिए रोजगार सृजन पर बोलते हुए, कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि संस्थानों को ड्रोन की खरीद के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दे रही है ताकि इस प्रौद्योगिकी को संस्थानों में पढ़ाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि स्नातक भी ड्रोन खरीद के लिए अनुदान सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं।

पूसा गेहूं की किस्मों  का योगदान

इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस संस्थान द्वारा विकसित गेहूं की किस्में देश के अन्न भंडार में सालाना 80,000 करोड़ रुपए राशि के लगभग 60 मिलियन टन गेहूं का योगदान करती हैं। इसी तरह, संस्थान द्वारा विकसित बासमती की किस्में भारत में बासमती की खेती में प्रमुख रूप से योगदान करती हैं, जो बासमती चावल के निर्यात के माध्यम से अर्जित होने वाली कुल विदेशी मुद्रा 32,804 करोड़ रुपए का 90 प्रतिशत (29524 करोड़ रुपये) है। देश में लगभग 48 प्रतिशत भू-भाग में सरसों की खेती आईएआरआई किस्मों से की जाती है।

पूसा सरसों 25 से उत्पन्न कुल आर्थिक अधिशेष पिछले 9 वर्षों के दौरान 14323 करोड़ रुपये (2018 की कीमतों पर) होने का अनुमान है।
कार्यक्रम के दौरान कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी विशिष्ट अतिथि थे। डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, सचिव डीएआरई और महानिदेशक, आईसीएआर और डॉ. रश्मी अग्रवाल, डीन और संयुक्त निदेशक (शिक्षा) भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पुरस्कार-सम्मान

कार्यक्रम में नाबार्ड-प्रोफेसर वीएल चोपड़ा गोल्ड मेडल और एमएससी और पीएचडी के लिए सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी का पुरस्कार क्रमश: सुश्री देबारती मंडल और डॉ. सिद्धरूद मरगल को प्रदान किया गया। प्रो. आर.बी.सिंह, पूर्व निदेशक, आईएआरआई, नई दिल्ली को डी.एससी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। छठा डॉ. ए.बी. जोशी स्मृति पुरस्कार डॉ. डी.के. यादव, एडीजी (बीज), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली को मिला। दूसरा सर्वश्रेष्ठ कृषि विस्तार वैज्ञानिक पुरस्कार डॉ. आर.एन. पडरिया, प्रमुख और प्रोफेसर, कृषि विस्तार प्रभाग, आईएआरआई, नई दिल्ली को दिया गया। बाईसवां श्री हरि कृष्ण शास्त्री स्मृति पुरस्कार डॉ. ए.डी. मुंशी, प्रधान वैज्ञानिक, सब्जी विज्ञान प्रभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली को प्रदान किया गया। बाईसवां सुकुमार बसु स्मृति पुरस्कार डॉ. राजन शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक, डेयरी रसायन विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-एनडीआरआई, करनाल को प्रदान किया गया और आईएआरआई सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार डॉ. सी.एम. परिहार, कृषि विज्ञान विभाग, आईएआरआई, नई दिल्ली को दिया गया।

आम, ककड़ी की पूसा किस्में

इस अवसर पर श्री तोमर ने फलों और सब्जियों की 6 किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया, जिनमें आम की दो किस्में पूसा लालिमा, पूसा श्रेष्ठ, बैंगन की पूसा वैभव किस्म, पालक की पूसा विलायती किस्म, ककड़ी किस्म पूसा गाइनोशियस ककड़ी हाइब्रिड-18 और पूसा गुलाब की अल्पना किस्म शामिल हैं।

महत्वपूर्ण खबर: इक्रीसेट रिसर्च – टेक्नोलॉजी ने खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *