किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की योजनाएं: बाजार, बीमा, और जलवायु अनुकूलन पर जोर
19 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की योजनाएं: बाजार, बीमा, और जलवायु अनुकूलन पर जोर – भारत में कृषि और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जो विपणन, वित्तीय सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन, और नई प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित हैं। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर में इन पहलों की जानकारी दी।
कृषि आपूर्ति श्रृंखला और बाजार सुधार
सरकार ने कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और बाजार की अस्थिरता को कम करने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) की शुरुआत की है। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो किसानों को देशभर के बाजारों से जोड़ता है। इसके साथ ही, 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन के जरिए छोटे और सीमांत किसानों को संगठित किया जा रहा है, ताकि वे सामूहिक रूप से अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें। कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जबकि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) किसानों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करता है। डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क के जरिए किसानों को सीधे बाजार तक पहुंचने का अवसर भी प्रदान किया जा रहा है।
विपणन अनुसंधान और सूचना नेटवर्क (एमआरआईएन) योजना के तहत, 3,771 बाजार यार्डों से 300 से अधिक कृषि वस्तुओं की कीमतों और उनके आगमन की जानकारी एकत्रित की जाती है। यह डेटा डिजिटल प्लेटफार्मों जैसे एगमार्कनेट पोर्टल, ई-एनएएम पोर्टल, और किसान सुविधा एप के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है, ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें।
जलवायु परिवर्तन और सिंचाई पर जोर
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) के तहत कई कदम उठाए गए हैं। इस मिशन की “प्रति बूंद अधिक फसल” योजना सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के माध्यम से पानी की उपयोग दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है। वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (आरएडी) योजना एकीकृत कृषि प्रणाली के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को कम करने पर ध्यान देती है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय बांस मिशन और बागवानी मिशन जलवायु स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल खराब होने के जोखिम से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और मौसम सूचकांक आधारित पुनर्संरचित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) लागू की गई हैं। ये योजनाएं फसल हानि की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक संकट से बचाया जा सके।
प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण के माध्यम से सहायता
सरकार कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से किसानों तक नवीनतम तकनीकों और स्थान-विशिष्ट खेती प्रणालियों को पहुंचा रही है। केवीके किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने, प्रदर्शन करने, और कृषि संबंधी तकनीकों के प्रसार में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही, “राज्य विस्तार कार्यक्रम” योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन, और एक्सपोजर दौरों के जरिए सशक्त बनाया जा रहा है।
सरकार समय-समय पर किसानों और अन्य हितधारकों के साथ संवाद करती रहती है, ताकि कृषि नीति निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। कृषि से संबंधित इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बनाना है।
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