गोपाल रत्न पुरस्कार 2025: पशुपालकों के पास ₹5 लाख का ईनाम पाने का सुनहरा मौका, इस तारीख तक करें आवेदन
16 अगस्त 2025, नई दिल्ली: गोपाल रत्न पुरस्कार 2025: पशुपालकों के पास ₹5 लाख का ईनाम पाने का सुनहरा मौका, इस तारीख तक करें आवेदन – पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) ने देश के डेयरी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए “राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025” के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए आवेदन 15 अगस्त 2025 से शुरू हो गए हैं और 15 सितंबर 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे। ये पुरस्कार भारत में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर 2025) के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे।
पुरस्कार का उद्देश्य
“राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार” की शुरुआत 2021 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य देश में स्वदेशी नस्लों की गायों और भैंसों के पालन, दुग्ध उत्पादन, कृत्रिम गर्भाधान और डेयरी से जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।
इन पुरस्कारों के जरिए दुग्ध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों, एफपीओs, एमपीसीs और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (AIT) को उनकी मेहनत और नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
नामांकन कैसे करें?
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और इच्छुक उम्मीदवार 15 अगस्त 2025 से 15 सितंबर 2025 तक अपने आवेदन विभाग की आधिकारिक वेबसाइटों https://awards.gov.in और https://dahd.nic.in पर जमा कर सकते हैं। इन वेबसाइटों पर नामांकन से जुड़ी पूरी जानकारी, पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन के निर्देश उपलब्ध हैं। इसलिए, जो भी किसान, डेयरी संस्था या कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन पुरस्कार के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे समय रहते इन वेबसाइटों पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पुरस्कार की श्रेणियां
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार निम्नलिखित तीन श्रेणियों में दिए जाएंगे:
1. सर्वश्रेष्ठ स्वदेशी नस्ल पालन करने वाले डेयरी किसान
2. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति / दुग्ध उत्पादक कंपनी / डेयरी किसान उत्पादक संगठन (FPO)
3. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT)
4. विशेष पुरस्कार: पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के प्रतिभागियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के लिए प्रत्येक श्रेणी में एक विशेष पुरस्कार का भी प्रावधान है।
पुरस्कार राशि
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले डेयरी किसान, सहकारी समिति, एफपीओ या एमपीसी को क्रमशः ₹5,00,000, ₹3,00,000 और ₹2,00,000 नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) और हिमालयी राज्यों के लिए विशेष पुरस्कार के रूप में ₹2,00,000 का नकद सम्मान भी मिलेगा। वहीं, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (AIT) को नकद पुरस्कार नहीं बल्कि सम्मानित करने के लिए प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। सभी विजेताओं को स्मृति चिन्ह और योग्यता प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
मान्यता प्राप्त नस्लें
प्रतियोगिता के लिए स्वदेशी गायों और भैंसों की 70+ से अधिक पंजीकृत नस्लों को मान्यता दी गई है। इनमें से कुछ प्रमुख गाय नस्लें हैं – गिर, साहिवाल, राठी, हरियाणा, थारपारकर, नागौरी, बछौर, मालवी, केनकठा, ओंगोल, पुंगनूर, आदि।
भैंस नस्लों में मुर्रा, मेहसाणा, जाफराबादी, नागपुरी, पंढरपुरी, बन्नी, नीली रवि, आदि शामिल हैं। पूरी नस्लों की सूची https://dahd.nic.in पर उपलब्ध है।
कौन कर सकता है आवेदन?
1. वे किसान जो स्वदेशी नस्लों का पालन कर रहे हैं और डेयरी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
2. सक्रिय डेयरी सहकारी समितियाँ, दुग्ध उत्पादक कंपनियाँ (MPC), या डेयरी किसान उत्पादक संगठन (FPO)।
3. प्रशिक्षित और प्रमाणित कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन, जो लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्यों है यह पुरस्कार खास?
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार न केवल देश के दुग्ध उत्पादन और पशुधन विकास में योगदान देने वालों को सम्मानित करता है, बल्कि स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन को भी बढ़ावा देता है। यह पशुपालकों को प्रेरित करता है कि वे वैज्ञानिक तरीके से बेहतर नस्लों का पालन करें और भारत को डेयरी हब बनाने में भागीदार बनें।
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