‘ड्रोन दीदी’ से खेती होगी स्मार्ट: महिला SHG को मिलेंगे 15 हजार ड्रोन, सरकार देगी 80% सब्सिडी
30 जुलाई 2025, नई दिल्ली: ‘ड्रोन दीदी’ से खेती होगी स्मार्ट: महिला SHG को मिलेंगे 15 हजार ड्रोन, सरकार देगी 80% सब्सिडी – कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलावर को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिए कुल 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 15,000 ड्रोन वितरित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य आधुनिक तकनीक के जरिये कृषि की उत्पादकता बढ़ाना, महिलाओं की आमदनी में इजाफा करना और ग्रामीण भारत में टिकाऊ आजीविका के अवसर विकसित करना है।
क्या है ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना?
इस योजना के तहत महिला एसएचजी को आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे ड्रोन के इस्तेमाल की सुविधा मिलेगी, जिससे खेती में दक्षता बढ़ेगी, लागत घटेगी और उत्पादन में सुधार होगा। हर चयनित एसएचजी को ड्रोन पैकेज लागत का 80% (अधिकतम 8 लाख रुपये) तक का केंद्रीय वित्तीय सहायता दी जा रही है। ड्रोन पैकेज में एक सदस्य को 15 दिन का ड्रोन पायलट प्रशिक्षण मिलता है। अन्य सदस्य/परिवारजन को 5 दिन का सहायक प्रशिक्षण दिया जाता है।
अब तक 1094 ड्रोन वितरित, लक्ष्य 15 हजार का
प्रमुख उर्वरक कंपनियों (LFCs) ने 2023-24 में महिला स्वंय सहायता समूह (SHG) को अब तक 1094 ड्रोन वितरित किए हैं, जिनमें से 500 ड्रोन ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना के तहत दिए गए हैं। सरकार ने अब शेष 14,500 ड्रोन का राज्यवार आवंटन भी तय कर दिया है। इसमें उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 2,236 ड्रोन, महाराष्ट्र को 1,612, राजस्थान को 1,070, मध्य प्रदेश को 1,066, पंजाब को 1,021, और गुजरात को 1,024 ड्रोन दिए जाने हैं। इसके अलावा बिहार को 999, कर्नाटक को 824, हरियाणा को 583, ओडिशा को 457, और तमिलनाडु को 479 ड्रोन आवंटित किए गए हैं। बाकी राज्यों को भी उनकी आवश्यकता और योजना के तहत ड्रोन दिए जाएंगे।
ड्रोन के उपयोग का अध्ययन: बेहतर परिणाम, लेकिन चुनौतियां भी
ADRTC, बेंगलुरु द्वारा 500 ड्रोन पर किए गए अध्ययन में बताया गया कि किसान ड्रोन एक बैटरी पर 5-20 मिनट तक उड़ते हैं और 7-8 मिनट में एक एकड़ क्षेत्र को कवर कर सकते हैं। हालांकि, जिन स्थानों पर यूटिलिटी व्हीकल नहीं दिए गए, वहां 42.68% ड्रोन दीदियों को ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत हुई, खासतौर पर दक्षिण भारत में (78.82%)।
परिवहन समस्याओं के लिए अतिरिक्त मदद
ड्रोन ट्रांसपोर्ट के लिए अब कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM) के तहत चिन्हित एसएचजी को मल्टी-यूज़ मशीनें खरीदने के लिए 80% सब्सिडी दी जाएगी, जिनका उपयोग ट्रांसपोर्ट के लिए भी किया जा सकेगा।
ड्रोन से बढ़ी महिलाओं की आय और कृषि दक्षता
अध्ययन में यह भी सामने आया कि ड्रोन के इस्तेमाल से महिला एसएचजी की दक्षता, आय और तकनीकी पहुँच बढ़ी है। इससे उनकी कृषि पद्धतियाँ आधुनिक हुई हैं और कम लागत में बेहतर नतीजे मिले हैं। ग्रामीण महिलाओं के लिए यह योजना आजीविका के नए अवसर भी खोल रही है।
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