नमो ड्रोन दीदी योजना: सरकार दे रही ड्रोन खरीदने पर 80% सब्सिडी
08 मार्च 2025, नई दिल्ली: नमो ड्रोन दीदी योजना: सरकार दे रही ड्रोन खरीदने पर 80% सब्सिडी – नमो ड्रोन दीदी केंद्र सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को कृषि सेवाओं के लिए ड्रोन तकनीक से लैस करके उन्हें सशक्त बनाना है। इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2026 तक 15000 चुनी गई महिला एसएचजी को लिक्विड फ़र्टिलाइज़र और कीटनाशकों के छिडकाव के लिए किसानों को किराये की सेवाएँ देने के लिए ड्रोन देना है। इस पहल से प्रत्येक एसएचजी के लिए प्रति वर्ष कम से कम 1 लाख रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है, जो आर्थिक सशक्तीकरण में योगदान देगा। योजना की मुख्य विशेषताएं:
महिला डीएवाई एनआरएल-एसएचजी को ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी
- 8 लाख तक की सब्सिडी के रूप में ड्रोन की लागत का 80%
- ड्रोन की शेष लागत के लिए एआईएफ से ऋण सुविधा
- 3% ब्याज दर पर आसान ऋण
- ड्रोन पैकेज के एक हिस्से के रूप में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण
- ड्रोन के जरिए अतिरिक्त 1 लाख प्रति वर्ष कमाने का मौका
- महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप किसानों को ड्रोन स्प्रे सेवा किराए पर देना
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) का समर्थन करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता में सुधार करना और व्यवसाय विस्तार को बढ़ावा देना है।
नमो ड्रोन दीदी योजना के लाभ:
महिलाओं का सशक्तिकरण: यह योजना ड्रोन तकनीक में विशेष प्रशिक्षण देकर महिलाओं को उन्नत कौशल से लैस करती है । यह ज्ञान उन्हें फसल निगरानी, मिट्टी विश्लेषण और सटीक खेती जैसे कामों को अधिक कुशलता से करने में सक्षम बनाता है।
कृषि दक्षता में वृद्धि: ड्रोन तकनीक कीटनाशकों और उर्वरकों के सटीक उपयोग को बढ़ा कर पारंपरिक कृषि प्रथाओं को बदल देती है। उन्नत जीपीएस और सेंसर तकनीक से लैस, ड्रोन को खेतों पर सटीक उड़ान के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। इस तकनीक से रसायनों का अत्यधिक उपयोग कम होता है, पर्यावरणीय दुष्प्रभाव कम होता है और लागत भी कम होती है।
कौशल विकास और ज्ञान विस्तार: यह योजना ड्रोन तकनीक में विशेष प्रशिक्षण देती है, जिससे महिलाओं को आधुनिक कृषि पद्धतियों का उपयोग करने में , उन्नत कौशल प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाता है। ड्रोन से मिट्टी विश्लेषण भी होता है, जिससे क्षेत्र सर्वेक्षण और उर्वरता आकलन संभव हो पाता है। महिलाएँ अधिक या कम पानी की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करके, रिसाव का पता लगाकर और जल संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करके सिंचाई भी बेहतर बना सकती हैं।
नेटवर्किंग के अवसर: महिलाएँ साथी प्रतिभागियों के सहायक नेटवर्क से जुड़ सकती हैं, जिससे समुदाय और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है। उन्हें मंचों और कार्यशालाओं में शामिल होने का मौका मिलता है जहाँ वे अपने सामूहिक ज्ञान और कौशल को बढ़ाते हुए अनुभव, चुनौतियाँ साझा कर सकती हैं। यह योजना उद्योग के विशेषज्ञों, सलाहकारों और कृषि पेशेवरों तक पहुँच भी उपलब्ध कराता है, जिससे प्रगति के अवसर बनते हैं।
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