राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

एमएसपी और केसीसी से किसानों को फायदा !

10 जून 2025, नई दिल्ली: एमएसपी और केसीसी से किसानों को फायदा ! – केंद्रीय मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि के साथ किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राहियों के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना के अंतर्गत ब्याज छूट घटक को जारी रखने और आवश्यक निधि व्यवस्था को मंजूरी दी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले वर्ष की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि 820 रुपये प्रति क्विंटल रामतिल के लिए की गई है जबकि रागी में 596 रुपये प्रति क्विंटल, कपास में 589 रुपये प्रति क्विंटल और तिल 579 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि की गई है। सरकार ने दावा किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय किया गया है। सरकार अनाज के अतिरिक्त अन्य फसलों जैसे दालों और तिलहन तथा पोषक अनाज/श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा दे रही है। सबसे अधिक श्रीअन्न में बाजरा की उत्पादन लागत का 63 प्रतिशत मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके बाद मक्का 59 प्रतिशत और उड़द का 53 प्रतिशत है। शेष फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50 प्रतिशत होने का अनुमान है। केंद्र सरकार अनाज के अतिरिक्त अन्य फसलों जैसे दालों और तिलहन तथा पोषक अनाज/श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा दे रही है और इसके लिए इन फसलों पर उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य रखा गया है। सरकार ने 2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान 14 खरीफ फसल उत्पादक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 16.35 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है जबकि वर्ष 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान किसानों को दी गई एमएसपी राशि 4.75 लाख करोड़ रुपये थी।

किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिये एक महत्वपूर्ण योजना है जो किसानों के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तवर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 3 लाख रूपये तक के अल्पकालिक फसल ऋणों पर बैंकों को 1.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान मिलता रहेगा। सरकार के इस निर्णय से यह सुनिश्चित हुआ है कि समय पर पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को 3 प्रतिशत शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन सहित सिर्फ 4 प्रतिशत की प्रभावी ब्याज दर पर कृषि ऋण प्राप्त होता रहेगा। किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही किसानों को केसीसी के माध्यम से 5 वर्षों तक रिवॉल्विंग क्रेडिट की सुविधा मिलती है।
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में एक वर्ष तक ब्याज राहत और गंभीर आपदाओं में 5 वर्षों तक राहत मिलती है। किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों में करीब 76 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं। किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने वाले किसानों की अब साहूकारों पर निर्भरता कम हो गई है। वर्ष 2014 में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 4.26 लाख करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया गया था जो वर्ष 2024 में बढ़कर 9.81 लाख करोड़ रूपये हो गया है। केंद्र सरकार ने किसान वर्ष 2025-26 के आम बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख तक बढ़ाने की घोषणा की है। अभी यह प्रस्ताव विचाराधीन है। उम्मीद है कि इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा जिससे अधिसंख्य किसान लाभांवित होंगे।

इसी बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वर्ष 2024-25 के तृतीय देश के खाद्यान्न में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है और खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 3539.59 लाख टन होने का अनुमान है। धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होने की उम्मीद जताई है। अब सरकार की जिम्मेदारी बन जाती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत अधिसूचित सभी खाद्यान्नों की खरीदी की माकूल व्यवस्था करें ताकि किसान अपनी कृषि उपज को एम.एस.पी. पर बेच सकंे।

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