राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

‘भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं किसान’, पूसा दीक्षांत समारोह में बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

18 जुलाई 2025, नई दिल्ली: ‘भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं किसान’, पूसा दीक्षांत समारोह में बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बिहार के समस्तीपुर स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के चौथे दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कई अहम घोषणाएं कीं और विद्यार्थियों को खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

नए हॉस्टल और गेस्ट हाउस का उद्घाटन

समारोह के दौरान श्री चौहान ने विश्वविद्यालय परिसर में बने नए विक्रमशिला छात्रावास और आर्यावर्त अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह का उद्घाटन किया। इसके अलावा दो अहम किताबें भी जारी की गईं – ‘पूसा बिहार: कृषि अनुसंधान और शिक्षा की जन्मस्थली’ और ‘प्राकृतिक खेती पर पाठ्यपुस्तक’।

बिहार की विरासत को बताया गौरवशाली

श्री चौहान ने अपने भाषण में बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “समस्तीपुर मिथिलांचल का प्रवेश द्वार है। यह वह धरती है जहां राजा जनक और माता सीता का जन्म हुआ। माता सीता आज भी देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।”

उन्होंने भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और जननायक कर्पूरी ठाकुर को भी याद करते हुए कहा कि बिहार मेहनती और प्रतिभाशाली लोगों की भूमि है, जिसने पूरी दुनिया को भगवान बुद्ध का संदेश दिया।

विद्यार्थियों को मिला बड़ा संदेश

श्री चौहान ने विश्वविद्यालय के स्नातक विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा, “आप अनंत संभावनाओं से भरे हुए हैं। जैसा स्वामी विवेकानंद ने कहा है — कड़ी मेहनत करें, बड़े सपने देखें और अपने ज्ञान का उपयोग देश की कृषि व्यवस्था को बदलने में करें। पूसा विश्वविद्यालय से मिली शिक्षा को देश के खेत-खलिहानों तक पहुंचाएं।”

11 साल में 40% बढ़ा कृषि उत्पादन

कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश का कृषि उत्पादन 40 प्रतिशत बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। इसके अलावा 50,000 करोड़ रुपये का बासमती चावल विदेशों में निर्यात किया गया है।
उन्होंने बिहार में मक्का, लीची और मखाना की खेती में बढ़ते उत्पादन की सराहना की और प्रधानमंत्री मोदी को मखाना बोर्ड बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

किसानों के लिए नई योजनाओं का जिक्र

श्री चौहान ने कहा, “कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान देश की आत्मा हैं। किसानों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म और पूजा है।” उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना होगा, छोटे कृषि उपकरणों से मशीनीकरण को बढ़ावा देना होगा और स्टार्टअप के जरिए खेती को आधुनिक बनाना होगा। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का भी जिक्र किया, जिसके तहत 100 जिलों को चुना गया है ताकि वहां कृषि उत्पादन में और बढ़ोतरी हो सके।

प्राकृतिक खेती पर जोर

श्री चौहान ने छात्रों से कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह मिट्टी और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपनी रिसर्च का इस्तेमाल किसानों की मदद के लिए करें और भारत को खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएं।

पूसा विश्वविद्यालय को बताया ‘रिसर्च की जननी’

समापन भाषण में उन्होंने विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय भारतीय कृषि के भविष्य को दिशा देने वाला संस्थान है। मैं हमेशा किसानों और छात्रों के नए विचारों को सुनने के लिए तैयार हूं।” श्री चौहान ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, छात्र और स्टाफ को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

कई बड़े नेता रहे मौजूद

इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा, बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी और समस्तीपुर की सांसद शंभवी चौधरी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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