जैविक उत्पादों का निर्यात तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा: पीयूष गोयल
10 जनवरी 2025, नई दिल्ली: जैविक उत्पादों का निर्यात तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा: पीयूष गोयल- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ‘राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी)’ के आठवें संस्करण के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि भारत के पास अगले तीन सालो में जैविक उत्पादों के निर्यात को ₹20,000 करोड़ तक बढ़ाने की क्षमता है। यह कार्यक्रम भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) और FICCI द्वारा आयोजित किया गया। उन्होंने कहा, “भारतीय किसानों को धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ना चाहिए, जिससे घरेलू उत्पादन बढ़े और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर कब्जा किया जा सके। वर्तमान में, जैविक उत्पादों का निर्यात ₹5,000-₹6,000 करोड़ के आसपास है, जिसे अगले तीन सालो में ₹20,000 करोड़ तक बढ़ाया जा सकता है।”
श्री गोयल ने आगे बताया कि सहकारिता मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय संयुक्त रूप से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को कौशल विकास, प्रशिक्षण, निर्यात सुविधा, विपणन और पैकेजिंग में सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जैविक उत्पादों की वैश्विक मांग लगभग ₹1 लाख करोड़ है, जो बढ़कर ₹10 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है। भारत के पास विश्व में सबसे अधिक जैविक किसान हैं और जैविक खेती के क्षेत्रफल में दूसरा स्थान है। थोड़े अतिरिक्त प्रयासों के साथ, हम जैविक खेती में वैश्विक नेता बन सकते हैं, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और भारतीय जैविक उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा मिलेगा।”
कार्यक्रम में मंत्री ने एक विशेष एनपीओपी पोर्टल का शुभारंभ किया, जिससे जैविक क्षेत्र के हितधारकों को अधिक पारदर्शिता और कार्यप्रणाली में आसानी होगी। उन्होंने ट्रेसनेट 2.0(TraceNet 2.0), एनपीओपी का उन्नत ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया, जो निर्बाध संचालन और विनियामक निगरानी के लिए बेहतर उपकरण प्रदान करेगा।
इस मौके पर, मंत्री ने ट्रेसनेट 2.0 के माध्यम से जारी पहले पांच पंजीकरण प्रमाणपत्र जैविक ऑपरेटरों को वितरित किए। एपीडा के नए डिजाइन वाले पोर्टल को भी प्रदर्शित किया गया, जो कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र के हितधारकों के लिए बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव और जानकारी प्रदान करेगा। एक नया एग्री एक्सचेंज पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिससे कृषि निर्यात का डेटा और रिपोर्ट तैयार करना आसान हो जाएगा।
वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय प्रत्यायन निकाय (एनएबी) के अध्यक्ष श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, “एनपीओपी पोर्टल का उन्नत संस्करण भारतीय जैविक खेती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उत्पादन और निर्यात को स्थिरता और पारदर्शिता के माध्यम से बढ़ावा देगा। इस संस्करण में वैश्विक आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है और भारतीय किसानों को सशक्त बनाया गया है। इसके तहत, गैर-जैविक से जैविक में रूपांतरण का समय विशेष परिस्थितियों में कम किया जा सकता है। किसानों को एक उत्पादन समूह से दूसरे में स्थानांतरित करने और सेवा प्रदाता बदलने की सुविधा दी गई है। एनपीओपी में पूरे जैविक उत्पाद को खरीदने का प्रावधान भी है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल सके। ये कदम भारत को जैविक खाद्य उत्पादन में वैश्विक नेता बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।”
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