पीएम किसान सम्मान निधि: 18वीं किस्त में 9.58 करोड़ किसानों को हुआ सीधा फायदा
08 जनवरी 2025, नई दिल्ली: पीएम किसान सम्मान निधि: 18वीं किस्त में 9.58 करोड़ किसानों को हुआ सीधा फायदा – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये 11 करोड़ किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। 18वीं किस्त का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या 9.58 करोड़ तक पहुंच गई है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में आयोजित एक समीक्षा बैठक में दी। बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों के साथ मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
श्री चौहान ने कहा कि नए साल में नए संकल्पों के साथ हम कृषि विकास और किसान कल्याण के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस साल कृषि क्षेत्र और संबद्ध क्षेत्र की विकास दर 3.5% से 4% के बीच रहने की संभावना है।
फसल बीमा योजना में नई पहल
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत की फसल बीमा योजना दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। इसके अंतर्गत अब तक 876 लाख लोनधारी और 552 लाख गैर-लोनधारी आवेदन प्राप्त हुए हैं। कुल 14.28 करोड़ किसानों ने आवेदन किया है, जिसमें 602 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बीमित किया गया है और कुल बीमित राशि 2.73 लाख करोड़ रुपये है। अब तक 4 करोड़ किसानों को योजना का लाभ मिल चुका है और 17 हजार करोड़ रुपये के क्लेम का भुगतान किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि अब फसल नुकसान का आकलन सैटेलाइट आधारित तकनीक से किया जाएगा, जिससे नुकसान का सही और सटीक मूल्यांकन हो सकेगा। इसके अलावा, अगर कोई बीमा कंपनी क्लेम देने में देरी करती है तो उसे 12% ब्याज के साथ राशि का भुगतान करना होगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद
2014-15 से 2024-25 तक 7125 लाख टन गेहूं और 7175 लाख टन धान की खरीद की गई है। इसके साथ ही, 33.38 लाख टन तिलहन, दाल और कोप्रा की खरीद पीएम-आशा योजना के तहत की गई है। 2019-20 से 2024-25 के दौरान 3.6 लाख टन मक्का की खरीद की गई है, जिसके लिए किसानों को 660 करोड़ रुपये का एमएसपी मिला। इसी अवधि में 41.19 लाख टन मोटे अनाज (श्री अन्न) की खरीद की गई, जिसका एमएसपी 12,153 करोड़ रुपये रहा।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के तहत 1.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ताड़ के तेल की खेती को बढ़ावा देने के लिए 15 राज्यों को 993 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
2024-25 के लिए सोयाबीन में नमी की सीमा 12% से बढ़ाकर 15% कर दी गई है। अब तक 11.41 लाख टन सोयाबीन की खरीद 6 राज्यों से की जा चुकी है। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।
कृषि अवसंरचना कोष के तहत अब तक 85,314 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 51,783 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। इन प्रोजेक्ट्स से 85,208 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया गया है।
2013-14 में खाद्यान्न उत्पादन 265.05 मिलियन टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 328.85 मिलियन टन हो गया है। इसी अवधि में बागवानी उत्पादन 352.23 मिलियन टन रिकॉर्ड किया गया है।
किसानों के लिए नई योजनाएँ
श्री चौहान ने बताया कि टमाटर, प्याज और आलू (T-O-P) फसलों में किसानों और उपभोक्ताओं के राज्यों के बीच मूल्य अंतर को कम करने के लिए परिवहन और भंडारण लागत का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। साथ ही, तिलहन पर मूल्य अंतर भुगतान योजना का कवरेज 25% से बढ़ाकर 40% किया गया है और अवधि 3 महीने से बढ़ाकर 4 महीने कर दी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि किसान कल्याण हमारे लिए भगवान की पूजा के समान है। इसके लिए सभी राज्यों के साथ समन्वय करके योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि बजट और योजनाओं में सुधार को लेकर राज्यों के सुझावों के साथ आगे बढ़ा जाएगा।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: