प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ पर नई पहलों की शुरुआत, जानें क्या रहीं बड़ी घोषणाएं
12 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ पर नई पहलों की शुरुआत, जानें क्या रहीं बड़ी घोषणाएं – केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की चौथी वर्षगांठ के मौके पर मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव लाने और भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं और पहलों का अनावरण किया। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य विभागों के अधिकारी, विदेशी प्रतिनिधि और मछुआरा समुदाय से जुड़े हितधारक भी शामिल हुए। इस दौरान हाइब्रिड मोड में पूरे देश के मत्स्य किसानों, मछुआरों, उद्यमियों और स्टार्टअप्स ने भी भाग लिया।
नई परियोजनाओं और पहल की घोषणा
श्री सिंह ने राष्ट्रीय मत्स्य विकास कार्यक्रम (NFDP) पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल मछुआरों, मत्स्य किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों को डिजिटल पहचान, संस्थागत ऋण, अनुदान, बीमा जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। इस योजना के तहत पंजीकृत मछुआरों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए लाभार्थी शामिल थे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) के तहत विभिन्न योजनाओं का लाभ NFDP पोर्टल से प्राप्त किया जा सकेगा, जिससे मछुआरों को वित्तीय सहायता, बीमा, और अन्य सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी।
इस अवसर पर मंत्री ने एनएफडीपी पर पंजीकृत कुछ लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। इसके साथ ही मत्स्य पालन क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत उत्पादन और प्रसंस्करण क्लस्टरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की गई। मंत्री ने कहा कि मोती की खेती, सजावटी मत्स्य पालन, और समुद्री शैवाल की खेती के लिए विशेष क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे, जिससे मत्स्य उत्पादन में वृद्धि और बाजार पहुंच में सुधार होगा।
कार्यक्रम के दौरान तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 तटीय गांवों को जलवायु अनुकूल मछुआरा गांवों के रूप में विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये की योजना का भी शुभारंभ किया गया। इस पहल का उद्देश्य तटीय मछुआरा समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना और बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों में उनकी आजीविका को संरक्षित करना है।
ड्रोन तकनीक से मछली परिवहन: एक नई पहल
मत्स्य पालन में तकनीकी क्रांति लाते हुए, केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CIFRI) ने ड्रोन प्रौद्योगिकी से मछली परिवहन की एक पायलट परियोजना का अनावरण किया। यह परियोजना मछली उत्पादन और वितरण की दक्षता में सुधार करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो मत्स्य पालन में प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
मंत्री ने केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI) के मंडपम केंद्र को समुद्री शैवाल की खेती और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में अधिसूचित किया। इसके अलावा, मछलियों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर की भी घोषणा की गई, जिससे समुद्री और अंतर्देशीय मछली प्रजातियों के बीज की गुणवत्ता में सुधार होगा।
मछुआरों की सुरक्षा के लिए ट्रांसपोंडर योजना
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 30 अगस्त 2024 को शुरू की गई पोत संचार और सहायता प्रणाली के अंतर्गत मछुआरों की सुरक्षा के लिए मछली पकड़ने वाले जहाजों पर ट्रांसपोंडर लगाए जाएंगे। 1 लाख ट्रांसपोंडर लगाने के इस प्रोजेक्ट के तहत मछुआरों को संभावित मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों की जानकारी के साथ आपात स्थितियों में भी मदद मिलेगी।
श्री सिंह ने 721.63 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली परियोजनाओं की घोषणा की, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों में 800 हेक्टेयर खारे क्षेत्र में एकीकृत मछली पालन को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अलावा, गुजरात, पुडुचेरी और दमन और दीव में तीन स्मार्ट मछली पकड़ने के बंदरगाहों का विकास भी किया जाएगा।
अपने संबोधन में श्री सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से पिछले चार वर्षों में मत्स्य क्षेत्र में हुए सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि PMMSY योजना अब तक का सबसे बड़ा निवेश है, और इसके माध्यम से भारत के मत्स्य क्षेत्र में स्थिरता और विकास सुनिश्चित हुआ है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें मछुआरा समुदाय की भलाई और विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।
मंत्री ने कहा कि पीएमएमएसवाई के तहत 20,050 करोड़ रुपये का निवेश देश में मछली उत्पादन और मछुआरों के जीवनस्तर को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है।
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