कृषि मंत्रालय और UNDP के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा, कृषि बीमा और डिजिटल कृषि मिशन पर जोर
08 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: कृषि मंत्रालय और UNDP के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा, कृषि बीमा और डिजिटल कृषि मिशन पर जोर – कृषि भवन, नई दिल्ली में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल और एशिया-प्रशांत की क्षेत्रीय निदेशक, सुश्री कन्नी विग्नराजा के नेतृत्व में आई यूएनडीपी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इस बैठक में दोनों के बीच कृषि बीमा और क्रेडिट के क्षेत्रों में चल रही साझेदारी पर विस्तार से चर्चा हुई। यह साझेदारी 2018 में शुरू हुई थी, जिसे 2023 में 2026 तक के लिए बढ़ाया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र में जोखिम प्रबंधन को और मजबूत बनाया जा सके।
भारत की कृषि प्राथमिकताओं पर जोर
बैठक के दौरान, डॉ. चतुर्वेदी ने भारत सरकार की प्रमुख कृषि प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला, जिनमें तिलहन और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन (DAM) को बढ़ावा देना, जलवायु-स्थायी कृषि को आगे बढ़ाना और फसल बीमा और कृषि ऋण प्रणालियों में सुधार शामिल हैं। उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की सफलता का उल्लेख किया, जो विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। इस योजना में किसान और भूमि कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। डॉ. चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि कई देशों ने इस मॉडल पर अपने फसल बीमा कार्यक्रमों के विकास के लिए भारत की तकनीकी विशेषज्ञता की मांग की है।
यूएनडीपी की रुचि और आगे की संभावनाएं
यूएनडीपी की असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल, सुश्री कन्नी विग्नराजा ने भारत के साथ खाद्य और कृषि कमोडिटी सिस्टम (FACS), तिलहन, दलहन और मिलेट्स के मूल्य श्रृंखलाओं को विकसित करने, जलवायु-स्थायी कृषि और सोलर स्टोरेज समाधानों जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर यूएनडीपी की गहरी रुचि व्यक्त की। उन्होंने विशेष रूप से फसल बीमा और कृषि ऋण में भारत की सफलता की सराहना की और अन्य देशों के साथ इस अनुभव को साझा करने के भारत के नेतृत्व को महत्वपूर्ण बताया, खासकर दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने में।
बैठक में भविष्य की सहयोग संभावनाओं पर भी विचार किया गया, जिसमें जलवायु-स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को पीएमएफबीवाई के ढांचे में एकीकृत करना, कृषि ऋण प्रणालियों को मजबूत करना और मिलेट्स की मूल्य श्रृंखला को बढ़ावा देना शामिल है। यूएनडीपी ने भारत के साथ मिलकर इन क्षेत्रों में काम करने और स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपना सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. पी.के. मेहेरदा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही यूएनडीपी इंडिया की रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव सुश्री एंजेला लुसिगी और डिप्टी रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव सुश्री इसाबेल चान भी उपस्थित रहे।
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