राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शहरी भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण: नई तकनीकों पर चर्चा

21 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शहरी भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण: नई तकनीकों पर चर्चा – भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन भूमि संसाधन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 अक्टूबर 2024 को की। इस कार्यशाला का उद्देश्य शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण और पुनः सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा करना है। कार्यशाला का आयोजन डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में किया गया है, जिसमें देश और विदेश के कई विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल हो रहे हैं।

शहरी भूमि अभिलेखों में सुधार का प्रयास

भूमि संसाधन विभाग ने “डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी)” के तहत 2016 से ग्रामीण भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण में महत्वपूर्ण काम किया है। अब विभाग शहरी क्षेत्रों में भी इसी तरह का सुधार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। शहरी भूमि अभिलेखों के पुरातन तरीके, विखंडन और विभिन्न एजेंसियों द्वारा रखरखाव जैसी समस्याओं को हल करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक आईटी-आधारित प्रणाली स्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य शहरी भूमि प्रबंधन और संपत्ति कराधान में पारदर्शिता और दक्षता लाना है।

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कार्यशाला के उद्देश्य

इस कार्यशाला में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों के राजस्व और शहरी विकास विभागों के सचिव, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ और तकनीकी प्रदाता भाग ले रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और उन्नत तकनीकी समाधानों को साझा करना है। इस दौरान विशेषज्ञ वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा करेंगे और भारत के लिए उपयुक्त समाधान खोजने की कोशिश करेंगे।

कार्यशाला के पहले दिन विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न तकनीकों और उनके उपयोग पर प्रस्तुति दी जाएगी। सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूके, यूएसए, फ्रांस और जापान जैसे देशों के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। दूसरे दिन केस स्टडीज पर आधारित सत्रों का आयोजन होगा, जिसमें सुरक्षित भूमि अभिलेखों और डिजिटल भूमि प्रबंधन में उभरती तकनीकों पर ध्यान दिया जाएगा। प्रमुख तकनीकों में जीआईएस, सेटेलाइट इमेजरी और ड्रोन सर्वेक्षण शामिल हैं, जो शहरी नियोजन और संपत्ति कराधान में उपयोगी साबित हो सकते हैं।

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भविष्य की रणनीतियों पर होगी चर्चा

कार्यशाला के अंतिम दिन ग्रामीण विकास और संचार राज्यमंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी कार्यशाला के निष्कर्षों और भविष्य की कार्यनीतियों पर चर्चा करेंगे। इस कार्यशाला से उम्मीद है कि शहरी भूमि अभिलेखों के सुधार के लिए ठोस नीति सिफारिशें तैयार की जाएंगी, जो शहरी भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देने में सहायक होंगी।

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