राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि के विकास से बनेगा विकसित भारत: डॉ. जाट

वरिष्ठ अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

22 मई 2025, नई दिल्ली: कृषि के विकास से बनेगा विकसित भारत : डॉ. जाट – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव डॉ. एमएल जाट ने दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के उपसचिव/ निदेशक स्तर के अधिकारियों के लिए ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी – व्यापक जन सेवा कार्यक्रम’ के तहत आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. जाट ने कहा कि ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ के गहन महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि सार्वजनिक सेवा के सार को समेटने वाला एक मार्गदर्शक सिद्धांत है। उन्होंने अधिकारियों से इस दर्शन को आत्मसात करने का आग्रह किया ताकि 2047 तक एक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा ‘कृषि के विकास के बिना विकसित भारत को हासिल करना संभव नहीं हैं। विकसित भारत के सभी चारों स्तंभ आंतरिक रूप से कृषि से जुड़े हुए हैं। हमें इस क्षेत्र में योगदान देने का सौभाग्य प्राप्त है। महानिदेशक ने संगठनों के भीतर सम्मान, साझा विजन और सामूहिक कार्य को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डॉ. आरसी अग्रवाल ने बताया कि आईसीएआर/डेयर को इस कार्यक्रम के तहत शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संस्था के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ज्ञान, कौशल विकास और प्रेरणा महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सार्थक परिणामों के लिए अंतर्वैयत्तिक संबंधों को बढ़ावा देना भी उतना ही आवश्यक है। इससे पहले आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (एचआरडी) डॉ. एसके शर्मा ने स्वागत भाषण दिया और इस कार्यक्रम के उद्देश्यों और उपलब्धियों को रेखांकित किया।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements