राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

जमाखोरी पर सख्ती: केंद्र ने 31 मार्च 2026 तक घटाई गेहूं की स्टॉक सीमा, साप्ताहिक रिपोर्ट अनिवार्य 

27 अगस्त 2025, नई दिल्ली: जमाखोरी पर सख्ती: केंद्र ने 31 मार्च 2026 तक घटाई गेहूं की स्टॉक सीमा, साप्ताहिक रिपोर्ट अनिवार्य  – केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने और जमाखोरी व बेईमानी को रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला वाले रिटेलर्स और गेहूं प्रसंस्करण इकाइयों पर नई स्टॉक सीमा लागू की गई है।

यह आदेश “लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमाओं और निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर आवाजाही प्रतिबंधों को हटाना (संशोधन) आदेश, 2025” के तहत 27 मई 2025 को जारी किया गया और पूरे देश में लागू किया गया।

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स्टॉक सीमा में संशोधन, 31 मार्च 2026 तक लागू

आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 31 मार्च 2026 तक के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा में बदलाव किया है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे और कीमतें नियंत्रण में रहें।

संशोधित स्टॉक सीमाएं इस प्रकार हैं:

इकाई का प्रकारपुरानी स्टॉक सीमानई (संशोधित) स्टॉक सीमा
व्यापारी / थोक विक्रेता3000 मीट्रिक टन2000 मीट्रिक टन
खुदरा विक्रेताप्रत्येक दुकान पर 10 मीट्रिक टनप्रत्येक दुकान पर 8 मीट्रिक टन
बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता10 मीट्रिक टन प्रति दुकान (कुल दुकानों के अनुसार अधिकतम सीमा)8 मीट्रिक टन प्रति दुकान (कुल दुकानों के अनुसार अधिकतम सीमा)
प्रसंस्करणकर्तामासिक स्थापित क्षमता (MIC) का 70% (शेष महीनों से गुणा)मासिक स्थापित क्षमता (MIC) का 60% (शेष महीनों से गुणा)

हर शुक्रवार को पोर्टल पर स्टॉक रिपोर्ट अनिवार्य

सभी गेहूं स्टॉक रखने वाली इकाइयों को अब हर शुक्रवार को गेहूं स्टॉक पोर्टल (https://foodstock.dfpd.gov.in ) पर अपनी स्टॉक स्थिति अपडेट करनी होगी। यदि कोई इकाई, पोर्टल पर पंजीकृत नहीं मिलती, या तय स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, तो उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

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सीमा से अधिक स्टॉक रखने वालों को 15 दिन में सुधार करना होगा

जिन इकाइयों के पास अधिसूचना के दिन निर्धारित सीमा से अधिक गेहूं का भंडारण है, उन्हें 15 दिन के भीतर अपनी स्टॉक स्थिति नई सीमा के अनुरूप करनी होगी। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इस आदेश के पालन पर सख्त नजर रखेंगे, ताकि देश में गेहूं की कृत्रिम कमी पैदा न हो।

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उत्पादन और खरीद में कोई कमी नहीं

देश में गेहूं की उपलब्धता को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है। फसल वर्ष 2024-25 में 1175.07 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया है। साथ ही केंद्र सरकार ने RMS 2025-26 के दौरान भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियों के जरिए 300.35 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है।

यह भंडार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), अन्य सरकारी योजनाओं और बाजार में हस्तक्षेप के लिए पूरी तरह से पर्याप्त है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग पूरे देश में गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है, ताकि कीमतें नियंत्रण में रहें और सभी लोगों को गेहूं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

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