केंद्र सरकार ने गेहूं स्टॉक सीमा में किया संशोधन, व्यापारियों और विक्रेताओं पर कड़ी नजर
14 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गेहूं स्टॉक सीमा में किया संशोधन, व्यापारियों और विक्रेताओं पर कड़ी नजर – किसानों और उपभोक्ताओं की भलाई को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक सीमा में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, बड़ी खुदरा श्रृंखलाएं और प्रसंस्करणकर्ता नई स्टॉक सीमा के अनुसार ही अपने भंडार का प्रबंधन कर सकेंगे। यह निर्णय देश में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
रबी 2024 के दौरान 1129 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया, जो देश में पर्याप्त उपलब्धता को दर्शाता है। इसके बावजूद, बाजार में गेहूं की कीमतें स्थिर रखने और अनैतिक सट्टेबाजी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
नए संशोधन के अनुसार, थोक विक्रेताओं की स्टॉक सीमा 3000 मीट्रिक टन से घटाकर 2000 मीट्रिक टन कर दी गई है। खुदरा विक्रेताओं की सीमा 10 मीट्रिक टन प्रति आउटलेट ही रहेगी, जबकि बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए 10 मीट्रिक टन प्रति आउटलेट और सभी डिपो में 10 मीट्रिक टन प्रति आउटलेट की कुल संख्या के बराबर स्टॉक रखने की सीमा तय की गई है। प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए, स्थापित मासिक क्षमता (एमआईसी) का 60% स्टॉक रखने की अनुमति होगी, जो पहले 70% था।
सभी भंडारण संस्थानों को पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर पंजीकरण कराना और हर शुक्रवार को अपनी स्टॉक स्थिति अपडेट करना अनिवार्य होगा। जो संस्थान इसका पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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