डिजिटल कृषि मिशन को कैबिनेट की मंजूरी: 2817 करोड़ रुपये की योजना से बदलेगा खेती का तरीका
04 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: डिजिटल कृषि मिशन को कैबिनेट की मंजूरी: 2817 करोड़ रुपये की योजना से बदलेगा खेती का तरीका – केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है, जिसमें केंद्र का 1940 करोड़ रुपये का हिस्सा शामिल है। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय कृषि को डिजिटल युग में प्रवेश कराना और किसानों को अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।
डिजिटल क्रांति से बदलेगी खेती की तस्वीर
डिजिटल कृषि मिशन की योजना को एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ तैयार किया गया है, जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) का निर्माण, डिजिटल फसल अनुमान सर्वेक्षण (डीजीसीईएस) का कार्यान्वयन और केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अन्य आईटी पहलों को अपनाना शामिल है। इस मिशन के तहत तीन प्रमुख डीपीआई—एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, और मृदा प्रोफाइल मैपिंग—बनाए जाएंगे, जो किसानों के लिए सेवाओं को सुगम और तेज़ बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में विश्वसनीय जानकारी प्रदान करेंगे।
किसानों को मिलेगी ‘किसान आईडी’
डिजिटल कृषि मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू ‘एग्रीस्टैक’ है, जो किसानों को आधार की तरह ही एक डिजिटल पहचान प्रदान करेगा, जिसे ‘किसान आईडी’ के रूप में जाना जाएगा। यह पहचान पत्र राज्य के भूमि अभिलेखों, पशुधन स्वामित्व, बोई गई फसलों, और अन्य जनसांख्यिकीय विवरणों से जुड़ा होगा। इस प्रणाली का उद्देश्य किसानों को योजनाओं और सेवाओं का लाभ सीधे और कुशलता से पहुंचाना है। 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का लक्ष्य है। इनमें वित्त वर्ष 2024-25 में छह करोड़ किसानों, वित्त वर्ष 2025-26 में तीन करोड़ किसानों और वित्त वर्ष 2026-27 में दो करोड़ किसानों के पहचान पत्र बनाना शामिल है।
डिजिटल फसल सर्वेक्षण से मिलेगा सटीक अनुमान
डिजिटल फसल सर्वेक्षण (डीजीसीईएस) के तहत, वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के आधार पर उपज का सटीक अनुमान लगाया जाएगा। यह पहल कृषि उत्पादन की भविष्यवाणी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे सरकार और किसान दोनों को लाभ होगा। इस कार्यक्रम को पहले से ही 11 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा चुका है, और अगले दो वर्षों में इसे पूरे देश में शुरू करने की योजना है।
भूमि की मृदा प्रोफाइल मैपिंग से बढ़ेगी पैदावार
मिशन के तहत देश की लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए विस्तृत मृदा प्रोफाइल मानचित्र तैयार किया जाएगा। यह प्रणाली किसानों को उनकी भूमि की मृदा की सटीक जानकारी प्रदान करेगी, जिससे उन्हें सही फसल और उर्वरकों का चयन करने में मदद मिलेगी। इससे कृषि पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
डिजिटल कृषि मिशन के तहत न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि यह मिशन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। डिजिटल फसल सर्वेक्षण और रिमोट सेंसिंग के लिए जमीनी आंकड़ों के संग्रह के लिए लगभग 2.5 लाख स्थानीय युवाओं और कृषि सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा।
डिजिटल कृषि मिशन का लक्ष्य किसानों और कृषि क्षेत्र के हितधारकों के लिए सेवा वितरण तंत्र को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है। मिशन के विभिन्न घटकों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित किया जाएगा, जिससे अंततः किसानों को ही लाभ पहुंचेगा। इस मिशन के माध्यम से, भारत का कृषि क्षेत्र एक नए युग में प्रवेश करेगा, जहां डिजिटल तकनीकें किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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