बजट 2025: किसानों को बढ़ावा, लेकिन कृषि इनपुट पर GST में सुधार की जरूरत– डॉ. आर.जी. अग्रवाल
03 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: बजट 2025: किसानों को बढ़ावा, लेकिन कृषि इनपुट पर GST में सुधार की जरूरत– डॉ. आर.जी. अग्रवाल – केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2025 में कई अहम कृषि सुधारों की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना, कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करना और उत्पादकता बढ़ाना है। धन धान्य कृषि योजना, खाद्य तेल मिशन और राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन जैसी पहल सरकार की भारत को एक वैश्विक कृषि शक्ति बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

डॉ. आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैन एमेरिटस, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड, ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “हम भारत को दुनिया की ‘फूड बास्केट‘ बनाने की सरकार की पहल की सराहना करते हैं। ‘धन धान्य कृषि योजना‘, जो 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में 1.7 करोड़ किसानों को लाभान्वित करेगी, ग्रामीण समृद्धि की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।”
किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात
इस बजट की एक प्रमुख घोषणा खाद्य तेल मिशन है, जो किसानों को NAFED और NCCF जैसी एजेंसियों के साथ खरीद समझौते करने की सुविधा देता है। यह कदम कीमतों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाएगा और भारत की निर्यात क्षमता को मजबूत करेगा।
डॉ. अग्रवाल ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा, “किसानों को खरीद समझौते देने से तिलहन की खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात निर्भरता कम होगी और निर्यात को गति मिलेगी।”
बजट में सब्जी उत्पादन को भी बढ़ावा दिया गया है, ताकि बढ़ती घरेलू खपत के अनुसार आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाया जा सके और किसानों की आय में वृद्धि हो।
वित्तीय सहायता और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से किसानों को संबल
इस बजट की एक और बड़ी घोषणा किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करना है, जिससे 7.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, सरकार ने फसल कटाई के बाद भंडारण सुविधाओं के विकास के लिए भी योजनाएं शुरू की हैं, जिससे फसलों को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके और बर्बादी को कम किया जा सके।
डॉ. अग्रवाल ने इन पहलों को ‘कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम‘ बताते हुए कहा, “बढ़ी हुई KCC ऋण सीमा और भंडारण सुविधाओं का विस्तार किसानों को आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा।”
इसके साथ ही, बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा भी की गई है, जिससे मखाना किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध होगा।
दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन
सरकार ने ‘आत्मनिर्भरता‘ मिशन के तहत अगले छह वर्षों के लिए अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालों के लिए खरीद समझौते की योजना बनाई है। इससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा, उत्पादन बढ़ेगा और भारत की दालों के आयात पर निर्भरता कम होगी।
इस योजना को लेकर डॉ. अग्रवाल ने कहा, “यह कदम कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है।”
कृषि इनपुट पर GST में कमी की मांग
हालांकि बजट में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, लेकिन डॉ. अग्रवाल ने कृषि इनपुट पर GST दरों की समीक्षा करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि “कृषि इनपुट पर GST को घटाकर 5% किया जाए, ताकि किसानों की लागत कम हो और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की गति तेज हो।”
आत्मनिर्भर कृषि की ओर बड़ा कदम
बजट 2025 ने आर्थिक सशक्तिकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और नीतिगत सुधारों का एक ठोस खाका पेश किया है, जो भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “हम सरकार को इन दूरदर्शी फैसलों के लिए धन्यवाद देते हैं। ये कदम कृषि विकास को गति देंगे और भारत को ‘आत्मनिर्भर कृषि‘ की राह पर आगे बढ़ाने में सहायक साबित होंगे।”
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: