ब्रिक्स: 100% मैकेनाइजेशन देख चौंके शिवराज, बोले- भारत को लेनी चाहिए सीख
21 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: ब्रिक्स: 100% मैकेनाइजेशन देख चौंके शिवराज, बोले- भारत को लेनी चाहिए सीख – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ब्राजील यात्रा कई मायनों में चर्चा का विषय रही। 15वीं ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के साथ-साथ इस दौरे ने भारत और ब्राजील के बीच कृषि व्यापार, तकनीक और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए। चौहान 21 अप्रैल को भारत लौट रहे हैं।
ब्रिक्स बैठक में छोटे किसानों की चिंता
ब्रासीलिया में आयोजित 15वीं ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक का मुख्य विषय था- “ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग, नवाचार और न्यायसंगत व्यापार के माध्यम से समावेशी और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना।” इस बैठक में भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका के अलावा सऊदी अरब, मिस्र, यूएई, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान के प्रतिनिधि शामिल हुए।
शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में छोटे किसानों के मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “जब तक छोटे किसानों को संरक्षित और सशक्त नहीं किया जाएगा, तब तक वैश्विक खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य अधूरा रहेगा।” उन्होंने भारत की ओर से समावेशी और टिकाऊ कृषि के लिए प्रतिबद्धता जताई और कृषि तकनीक, नवाचार, क्षमता निर्माण और व्यापार सुलभता में सहयोग बढ़ाने की बात कही।
भारत-ब्राजील कृषि सहयोग को नई दिशा
चौहान ने ब्राजील के कृषि मॉडल, मैकेनाइजेशन, सिंचाई और अनुसंधान से सीखने की इच्छा जताई। उन्होंने जलवायु अनुकूल सोयाबीन किस्मों, प्रिसिजन फार्मिंग और सतत कृषि पद्धतियों पर ज्ञान साझा करने पर जोर दिया। ब्राजील के साथ बायोफ्यूल, बायोएनर्जी, सप्लाई चेन और कृषि मशीनरी में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।
चौहान ने ब्राजील के सोयाबीन उत्पादन प्लांट और टमाटर के खेतों का दौरा किया, जहां उन्होंने मैकेनाइजेशन और फूड प्रोसेसिंग की आधुनिक तकनीकों को देखा। ब्राजील में लगभग 100% मैकेनाइजेशन का स्तर भारत के लिए प्रेरणा हो सकता है। भारत अभी सोया तेल का आयात करता है, लेकिन अब दोनों देश सोयाबीन उत्पादन और प्रोसेसिंग में निवेश और तकनीकी सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
द्विपक्षीय बैठकों में अहम चर्चा
चौहान ने ब्राजील के कृषि एवं पशुधन मंत्री कार्लोस हेनरिक बैकेटा फेवरो और कृषि विकास एवं पारिवारिक कृषि मंत्री लुईज पाउलो टेक्सेरा के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इनमें कृषि, तकनीक, ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ। साओ पाउलो में उन्होंने ब्राजील के कृषि व्यवसाय समुदाय के 27 सदस्यों से मुलाकात की, जहां व्यापार, खाद्य प्रसंस्करण, जैव ईंधन और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण पर बात हुई।
चौहान ने ब्राजील में भी अपनी ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को जारी रखा और ब्रासीलिया में भारतीय दूतावास में पौधरोपण किया। साओ पाउलो में उन्होंने भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों में उनकी भूमिका की सराहना की।
चौहान ने कहा, “विभिन्न देशों के संयुक्त प्रयासों से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।” उन्होंने ब्राजील के 50 वर्षों में कृषि निर्यात में हुई वृद्धि को भारत के लिए प्रेरणादायक बताया। उनका कहना था कि ब्राजील की तकनीकों और अनुभवों को भारत में लागू करने से किसानों को लाभ हो सकता है।
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