बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा: सरकार ने हटाया न्यूनतम मूल्य का नियम
14 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा: सरकार ने हटाया न्यूनतम मूल्य का नियम – बासमती चावल के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए बासमती चावल पर से न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) का नियम हटा दिया है। यह कदम चावल व्यापारियों और निर्यातकों के लिए राहत भरी खबर है, जिससे बासमती चावल का अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात अब और अधिक सुगम हो सकेगा।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देना है, खासकर जब देश में चावल की पर्याप्त आपूर्ति उपलब्ध है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) अब बासमती चावल के निर्यात अनुबंधों पर नज़र रखेगा, ताकि किसी भी प्रकार का गलत मूल्य निर्धारण न हो और व्यापार में पारदर्शिता बनी रहे।
दरअसल, अगस्त 2023 में घरेलू चावल की कमी और कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर अस्थायी रूप से 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम मूल्य तय किया था। इसके पीछे मकसद था कि गैर-बासमती चावल को बासमती के रूप में निर्यात करने की संभावनाओं को रोका जा सके। इसके बाद अक्टूबर 2023 में व्यापारिक संगठनों और हितधारकों की मांग पर इसे घटाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन किया गया।
अब, मौजूदा व्यापारिक स्थिति और चावल की घरेलू आपूर्ति को देखते हुए, सरकार ने यह सीमा पूरी तरह से हटा दी है, जिससे बासमती चावल का निर्यात बिना किसी मूल्य प्रतिबंध के किया जा सकेगा।
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