राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

गणतंत्र दिवस पर 500 किसानों का पूसा संस्थान भ्रमण, नई तकनीकों से हुए रूबरू

28 जनवरी 2025, नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर 500 किसानों का पूसा संस्थान भ्रमण, नई तकनीकों से हुए रूबरू – गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर देशभर से विशेष रूप से आमंत्रित 500 किसानों ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) का भ्रमण किया। ये किसान भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे किसान उत्पादक समूह, किसान सम्मान निधि, और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थी थे। उनका यह दौरा केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष आमंत्रण पर आयोजित किया गया।

इस भ्रमण का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से परिचित कराना और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करना था। पूसा संस्थान में किसानों के लिए 16 प्रमुख क्लस्टर चिह्नित किए गए, जहां उन्हें नवीनतम तकनीकों और प्रौद्योगिकियों की जानकारी दी गई।

किसानों को संरक्षित खेती के ग्रीनहाउस मॉडल, अलंकृत नर्सरी, टपक सिंचाई के तहत सब्जी उत्पादन, वर्टिकल खेती, हाइड्रोपोनिक्स, मशरूम उत्पादन इकाई, और समन्वित खेती मॉडल (सिंचित एवं वर्षा आधारित) का दौरा कराया गया। इसके अलावा, जल प्रौद्योगिकी केंद्र में जल संसाधन प्रबंधन की उन्नत तकनीकें, पूसा फार्म सनफ्रीज, सरसों और गेहूं पोषण प्रबंधन प्रक्षेत्र, उपसतही सिंचाई, फर्टिगेशन, मसूर और चना प्रक्षेत्र, पुष्प उद्यान, और आम एवं किन्नू के बगीचों का प्रदर्शन किया गया।

ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन

इस अवसर पर श्रीमती अंजुल त्यागी और उनकी टीम ने ड्रोन द्वारा खेतों में छिड़काव का लाइव प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन किसानों के बीच चर्चा का मुख्य केंद्र रहा और उन्होंने इसे उत्सुकता से देखा।

वैज्ञानिकों से संवाद और तकनीकी ज्ञान

पूसा संस्थान के वैज्ञानिक और तकनीकी अधिकारी सभी क्लस्टरों में उपस्थित थे। उन्होंने किसानों को संबंधित तकनीकों की जानकारी दी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। भ्रमण में महिला, बुजुर्ग, और युवा किसान सभी शामिल थे, जिन्होंने वैज्ञानिकों के साथ संवाद कर नई तकनीकों को समझने में गहरी रुचि दिखाई।

कार्यक्रम की योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आर.एन. पडारिया द्वारा बनाई गई। कार्यक्रम का समन्वयन और संचालन डॉ. ए.के. सिंह, प्रभारी, कृषि प्रौद्योगिकी आकलन एवं स्थानांतरण केंद्र (कैटेट) ने किया।

पूसा संस्थान के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया। उन्होंने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और प्रौद्योगिकी के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया।

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