डेयरी किसानों की आय बढ़ाने, केंद्र सरकार का 15000 करोड़ रुपये का निवेश
25 जुलाई 2024, नई दिल्ली: डेयरी किसानों की आय बढ़ाने, केंद्र सरकार का 15000 करोड़ रुपये का निवेश – मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय देशभर के गांवों में डेयरी किसानों की आजीविका सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को नवीनतम पद्धतियों और तकनीकों की जानकारी देकर उनके काम को आसान और लाभदायक बनाना है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने राज्य सभा में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किसान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में प्रजनन शिविर, दूध उत्पादन प्रतियोगिता, बछड़ा स्वास्थ्य में सुधार सम्मेलन और किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। किसानों को लिंग-पृथक्कृत वीर्य के साथ कृत्रिम गर्भाधान (एआई), बोवाइन इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और जीनोमिक चयन जैसी नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत भेड़, बकरी और सूकरों में कृत्रिम गर्भाधान की नवीनतम तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही हरा चारा उत्पादन, परिरक्षित चारा बनाने, चारा काटने और पशुओं के लिए कुल मिश्रित भोज्य सामग्री को बढ़ावा दे रहा है। डेयरी विभाग ने किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप भी प्रारंभ किया है, यह ऐप किसानों को पशुओं के संतुलित आहार के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है।
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम में खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस जैसी पशु बीमारियों के नियंत्रण के लिए सहायता देने तथा पशुधन के अन्य संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकारों को दी जा रही है। इस योजना में किसानों के घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण पशुधन स्वास्थ्य सेवाएं के लिए सचल पशु चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जाती हैं। पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) के तहत सरकार 15000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस निधि का उद्देश्य डेयरी प्रसंस्करण, मांस प्रसंस्करण, चारा विनिर्माण, वैक्सीन उत्पादन, पशु अपशिष्ट प्रबंधन और नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है।
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