मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने से मिलते है फायदे
19 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने से मिलते है फायदे – अक्सर मिट्टी की उर्वरकता कम होने से किसानों को नुकसान होता है। चाहे किसी भी उपज की बुवाई हो, मिट्टी की उर्वकता बढ़ाने से फायदा ही मिलता है। आईए जानते है क्या होते है फायदे
- बेहतर फसल उत्पादन: उर्वर मिट्टी के बीज की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है, जिससे फसल का उत्पादन बढ़ता है।
- जल धारण क्षमता में वृद्धि: उर्वर मिट्टी का पानी बेहतर तरीके से धारण करता है, जिससे उपभोक्ताओं की स्थिति में भी स्थिरता बनी रहती है।
- रोग उपकरण क्षमता: उर्वर मिट्टी के बिल्डरों की प्रति उपकरण क्षमता मजबूत होती है, जिससे उन्हें कम रसायन की आवश्यकता होती है।
- लंबी अवधि के लिए स्थिरता: उर्वरता बढ़ाने के घरेलू उपाय मिट्टी को स्थायी रूप से समृद्ध किया जाता है, जिससे आने वाले वर्षों में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं।
- पर्यावरण के अनुकूल: ये उपाय जैविक और प्राकृतिक होते हैं, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
- कम लागत: ये घरेलू उपाय बड़े पैमाने पर होते हैं, जिससे किसानों और बागवानों को आर्थिक लाभ होता है।
- मिट्टी की संरचना में सुधार: इन संरचनाओं से बनी मिट्टी की संरचना बेहतर होती है, मिट्टी की गहराई में जाने में आसानी होती है। यह उपाय मिट्टी में मौजूद जैविक पदार्थों की मात्रा को कम करता है, जिससे पोषक तत्वों की मात्रा में सुधार होता है।
घरेलू उपाय
1. जैविक खाद (कम्पोस्ट) का उपयोग
कम्पोस्ट मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। घर के नारियल जैसे कि कार्डबोर्ड, सूखी पत्तियाँ, और घास का उपयोग करके कम्पोस्ट बनाया जा सकता है। कम्पोस्ट मिट्टी में जैविक पदार्थ सम्मिलित होते हैं, जो पोषक तत्वों की मात्रा की पूर्ति करते हैं और मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं। यह केवल मिट्टी की उर्वरता में सुधार नहीं करता है, बल्कि जल क्षमता और पौधों की वृद्धि में भी सुधार करता है। कम्पोस्ट का नियमित उपयोग मिट्टी के रूप में समृद्ध है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है।
2. हरी खाद का उपयोग
हरी खाद का मतलब है मिट्टी में ही समृद्ध होना। इसके लिए मूंग, फूलद, तिल्ली जैसी सब्जियों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए खेत में बोया जाता है और जब वे पर्याप्त मात्रा में बढ़ते हैं, तो उन्हें मिट्टी में समझा जाता है। इस प्रक्रिया में मिट्टी में खनिजों और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उसकी उर्वरता बढ़ जाती है। हरी खाद मिट्टी को जीवंत बनाता है और उसकी संरचना में सुधार करता है। यह प्राकृतिक विधि की वृद्धि को बढ़ावा देता है और मिट्टी को प्रयोगशाला के रूप में स्थापित किया जाता है।
3. वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग
वर्मी कम्पोस्टिंग एक और प्रभावी तरीका है जिसमें केंचयूज़ का उपयोग करके बायोलॉजिकल कॉलेज को खाद में बदल दिया जाता है। केंचुआ बायोलॉजिकल पदार्थ को तोड़ते हैं और उसे उच्च गुणवत्ता वाली कम्पोस्ट में बदलते हैं। वर्मी कम्पोस्ट मिट्टी की संरचना में सुधार किया गया है, उसकी जल धारण क्षमता को बरकरार रखा गया है, और प्रमाणित करने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा में वृद्धि की गई है। यह विधि घर पर आसानी से बनाई जा सकती है और इसके लिए अधिक जगह या आवश्यकता नहीं है। वर्मी कम्पोस्ट मिट्टी को पुनर्स्थापन से मुक्त किया गया है और उसे आमिर के रूप में स्थापित किया गया है।
4. जैविक मल्चिंग का उपयोग
मल्चिंग मिट्टी की सतह पर एक प्लास्टर परत बनाने की प्रक्रिया है, जो मिट्टी की संरचना को बनाए रखने, स्केल को नियंत्रित करने, और मिट्टी के तापमान को स्थिर बनाए रखने में मदद करती है। जैविक मल्चिंग के लिए पत्ते, घास और लकड़ी के पेस्ट जैसे तत्वों का उपयोग किया जा सकता है। मल्चिंग न केवल मिट्टी को मिलाकर बनाया जाता है, बल्कि धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे की जाने वाली मिट्टी में मिट्टी का निर्माण किया जाता है। यह प्रक्रिया मिट्टी की संरचना में सुधार करती है और उसके उर्वरता को मजबूत करती है, जिससे उद्यमों की वृद्धि में मदद मिलती है।
5.रसोई के नारियल का पुन: उपयोग
प्लास्टिक के चॉकलेट का सही उपयोग करके मिट्टी की उर्वरता खरीदी जा सकती है। अखरोट के छिलके, फलों के पत्ते, और चाय की पत्तियां जैसे कि गुड़हल को सीधे मिट्टी में इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर कम्पोस्ट के रूप में तैयार किया जा सकता है। ये जैविक फ्लोरिडा के जीवों की मात्रा को प्रदर्शित करते हैं, जिससे उनकी उर्वरता और जल धारण क्षमता में सुधार होता है। यह विधि न केवल और झील का पुन: उपयोग करती है, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ स्वस्थ बनाये रखती है।
6. गोबर की खाद का उपयोग
गोबर की खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने का एक पारंपरिक और प्रभावी तरीका है। गाय के गोबर में डाइजेस्ट, फ़ोर्स, और मोर्टार जैसे पोषक तत्त्व होते हैं, जो मनोवैज्ञानिकों की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाने से उसकी उर्वरता बहुतायत होती है और मिट्टी की संरचना में सुधार होता है। यह खाद न केवल प्रमाणित के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि मिट्टी में जैविक सामग्री भी शामिल है, जिससे उसका उर्वरता अनुमोदित पोषक तत्व के रूप में बना रहता है।
7. नीम की खली का उपयोग
नीम की खली एक जैविक विविधता है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के साथ-साथ नियंत्रण को भी नियंत्रित करती है। नीम की खली में एंटी और वैज्ञानिक एंटीफंगल गुण होते हैं, जो मिट्टी में पाए जाने वाले जीवाणुओं को कम करते हैं और तृप्त कीड़ों को सुरक्षित रखते हैं। इसमें मिट्टी मिलाने से वैज्ञानिकों और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा की मात्रा होती है, जिससे मिट्टी की वृद्धि में सुधार होता है। नीम की खली का नियमित उपयोग मिट्टी को कारीगर के रूप में बनाये रखता है और उसे पासपोर्ट से मुक्त करता है।
8. लकड़ी की राख का उपयोग
लकड़ी की राख में सीमेंट, कैल्शियम, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता को बेचते हैं। इसे संयम से उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में उपयोग से मिट्टी का अनुपात स्तर बढ़ सकता है, जो प्रमाणित के लिए स्टॉक हो सकता है। लकड़ी की राख को मिट्टी में मिलाने से उसका उर्वरता चूर्ण होता है और वह प्रमाणित के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व प्रदान करता है। यह प्राकृतिक विधि मिट्टी को प्राकृतिक रूप से समृद्ध संरचना और स्थिरीकरण की वृद्धि में मदद करती है।
9. अंडे के छिलके और केले के छिलके
अंडे के छिलके और केले के छिलके का भी उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। अंडे के छिलके में कैल्शियम होता है, जिसे प्रमाणित करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए पीसकर मिट्टी के बर्तनों का उपयोग किया जा सकता है। केले के चिप्स में सुपर मार्केट की अधिकता होती है, जो फूलों और फूलों के विकास में मदद करता है। उदाहरण के लिए सुखाकर और पीसकर मिट्टी का प्रयोग किया जा सकता है। इन घरेलू उपायों में मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा बहुतायत होती है, जिससे मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा में सुधार होता है।
10. चाय की लत और फूला के बचे हुए टुकड़े
चाय के स्टॉक और चॉकलेट के बचे हुए अंशों में शोधकर्ता और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी के उर्वरता को बेच देते हैं। उदाहरण के तौर पर सीधे मिट्टी में बनाया जा सकता है या कम्पोस्ट के रूप में तैयार किया जा सकता है। इन रासायनिक पदार्थों में जैविक पदार्थों की मात्रा का आकलन किया जाता है, जिससे उसकी उर्वरता और जल क्षमता में सुधार होता है। यह विधि न केवल और झील का पुन: उपयोग करती है, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ स्वस्थ बनाये रखती है।
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