National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

किसान सम्मान निधि योजना के 5 साल : किसानों का आर्थिक उन्नयन सरकार का लक्ष्य

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29 फरवरी 2024, नई दिल्ली: किसान सम्मान निधि योजना के 5 साल : किसानों का आर्थिक उन्नयन सरकार का लक्ष्य – देश में किसान परिवारों के लिए सकारात्मक पूरक आय समर्थन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तथा उत्पादक, प्रतिस्पर्धी, विविध, समावेशी और स्थायी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने 2 फरवरी 2019 को किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरुआत की,  जो अब दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक बन गयी है।

इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में 2000 रुपये की तीन समान किस्तों के साथ प्रति वर्ष 6000 रुपये की आय सहायता प्रदान की जाती है। आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से यह राशि सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है। यह योजना सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, क्योंकि राज्य किसानों की पात्रता को पंजीकृत और सत्यापित करते हैं, जबकि भारत सरकार इस योजना के लिए शत-प्रतिशत धनराशि प्रदान करती है।

पीएम किसान योजना के नकद अंतरण से कृषि उपकरण खरीद में वृध्दि

इस अग्रणी योजना के शुभारंभ के बाद से पिछले पांच वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसे अपने विज़न, स्केल और पात्र किसानों के खातों में सीधे धन के निर्बाध अंतरण के लिए विश्व बैंक सहित विभिन्न संगठनों से प्रशंसा मिली है। अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों को लेकर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि पीएम-किसान के तहत लाभ अधिकांश किसानों तक पहुंचा और उन्हें बिना किसी गड़बड़ी (लीकेज) के पूरी धनराशि प्राप्त हुई। इसी अध्ययन के अनुसार, पीएम-किसान के तहत नकद अंतरण प्राप्त करने वाले किसानों द्वारा कृषि उपकरण, बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की खरीद में निवेश करने की संभावना अधिक होती है।

योजना की समावेशी प्रकृति इस तथ्य से परिलक्षित होती है कि चार लाभार्थियों में से कम से कम एक महिला किसान है। इसके अलावा, इस योजना के तहत 85 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी छोटे और सीमांत किसान हैं।

देश भर के किसानों को योजना का लाभ किया सुनिश्चित

योजना को अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से, किसान-केंद्रित डिजिटल व्यवस्था में निरंतर सुधार किए गए हैं, ताकि योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके। पीएम-किसान पोर्टल को यूआईडीएआई, पीएफएमएस, एनपीसीआई और आयकर विभाग के पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है। किसानों को त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों और अन्य सभी हितधारकों को पीएम-किसान प्लेटफार्म में जोड़ा गया है।

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