वर्डेसियन का सीड+: खेती का नया साथी, ज्यादा पैदावार की गारंटी
07 मार्च 2025, नई दिल्ली: वर्डेसियन का सीड+: खेती का नया साथी, ज्यादा पैदावार की गारंटी – खेती में उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल अब कोई नई बात नहीं रही। किसान पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर आधुनिक समाधानों को अपना रहे हैं। इसी कड़ी में Verdesian Life Sciences लेकर आया है सीड+ (सीड प्लस), जो पारंपरिक टैल्क और ग्रेफाइट का बेहतर विकल्प है। यह न सिर्फ बीजों की बोआई को आसान बनाता है, बल्कि पौधों को शुरुआती मजबूती देकर उनकी पैदावार भी बढ़ाता है।
सीड प्लस: क्या है ये नया फॉर्मूला?
यह एक पौष्टिक बीज स्नेहक (Seed Lubricant) है, जो टैल्क+ग्रेफाइट के साथ पोषक तत्वों और बायोस्टीमुलेंट्स का अनोखा मिश्रण है। इसकी खासियत यह है कि यह बीजों की प्रवाहशीलता बढ़ाने के साथ-साथ फसल को शुरुआती मजबूती और खराब मौसम से सुरक्षा भी देता है।
सीड प्लस के उपयोग से बीजों को आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे उनका अंकुरण तेजी से होता है और फसल की शुरुआत मजबूत होती है। यह पौधों की शुरुआती वृद्धि को बढ़ावा देकर उन्हें जल्दी और अधिक मजबूती प्रदान करता है, जिससे वे कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा, यह फसल को ठंड, गर्मी, सूखा, अत्यधिक नमी और UV किरणों जैसे प्रतिकूल मौसम प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे पौधों की संपूर्ण वृद्धि बाधित नहीं होती। 300 से अधिक परीक्षणों में यह साबित हुआ है कि सीड प्लस के उपयोग से फसलों की उपज औसतन 10% तक बढ़ जाती है, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा मिलता है।
इसका उपयोग किसी भी अन्य बीज स्नेहक (lubricant) की तरह ही किया जाता है। इसे बीज टेंडर या प्लांटर बॉक्स में मिलाकर डाला जाता है। इसमें 80/20 टैल्क+ग्रेफाइट अनुपात होता है, जिससे बीजों का प्रवाह बेहतर होता है और स्टैटिक चार्ज कम होता है।
सीड प्लस को मकई, सोयाबीन, कपास, गेहूं, जौ, अल्फाल्फा, बाजरा, मूंगफली, चावल, गन्ना, सूरजमुखी जैसी कई फसलों के लिए प्रमाणित किया गया है।
सीड प्लस के खास फायदे
- बेहतर बीज प्रवाह: टैल्क+ग्रेफाइट का सही मिश्रण बीजों को एकसमान बिखेरने में मदद करता है।
- जरूरी पोषण: कैल्शियम, सल्फर, मैंगनीज, कोबाल्ट, जिंक जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बीजों को मिलते हैं।
- बायोस्टीमुलेंट्स का सपोर्ट: पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और उन्हें लंबे समय तक स्वस्थ रखता है।
मौसमी चुनौतियों से सुरक्षा
- अत्यधिक ठंड: कम तापमान में बीजों का अंकुरण धीमा हो जाता है और पौधे कमजोर पड़ जाते हैं। यह फॉर्मूला बीजों की गर्मी को बनाए रखता है और ठंड का असर कम करता है।
- अधिक गर्मी: गर्मी ज्यादा होने से फोटोसिंथेसिस और परागण पर असर पड़ता है, जिससे पैदावार कम हो सकती है। यह उत्पाद पौधों को गर्मी से लड़ने में मदद करता है।
- अत्यधिक नमी: अगर मिट्टी में ज्यादा नमी हो, तो जड़ों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती और पौधों को पोषण लेने में दिक्कत होती है। सीड प्लस इससे बचाव करता है।
- सूखा: सूखे में पौधों की वृद्धि रुक सकती है और अंकुरण पर असर पड़ सकता है। यह उत्पाद पौधों की जल धारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
- UV विकिरण (UV Radiation): UV किरणें पौधों की फोटोसिंथेसिस प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे फसल कमजोर हो जाती है। सीड प्लस इस प्रभाव को कम करता है।
सीड प्लस में मौजूद पोषक तत्व | |
कैल्शियम (Ca) – 4.0% | लौह (Fe) – 1.0% |
सल्फर (S) – 5.0% | मैगनीज (Mn) – 0.70% |
कोबाल्ट (Co) – 0.070% | मोलिब्डेनम (Mo) – 0.080% |
तांबा (Cu) – 0.090% | जिंक (Zn) – 2.0% |
इसके अलावा, इसमें 28% टैल्क और 7% ग्रेफाइट होता है, जिससे बीजों की बोआई आसान होती है।
किस फसल में कितना इस्तेमाल करें?
फसल | औंस प्रति 100 पाउंड बीज | किलोग्राम प्रति 100 किलोग्राम बीज |
अल्फाल्फा | 4 | 0.25 |
गेहूं, जौ, राई | 4 | 0.25 |
मकई | 8 | 0.50 |
कपास | 12 | 0.75 |
बाजरा, मिलेट्स, ज्वार | 10 | 0.625 |
मूंगफली | 4 | 0.25 |
चावल | 4 | 0.25 |
सोयाबीन | 4 | 0.25 |
गन्ना | 8 | 0.50 |
सूरजमुखी | 4 | 0.25 |
अगर आपकी फसल इस सूची में नहीं है, तो अपने डीलर या वितरक से संपर्क करें।
सीड प्लस खेती के लिए एक ऐसा समाधान है, जो किसानों को बेहतर अंकुरण, ज्यादा पैदावार और कठिन मौसम से सुरक्षा देता है। इसकी आसान उपयोग विधि, जैविक प्रमाणन और उन्नत पोषण तकनीक इसे आज के किसानों के लिए एक उपयोगी उत्पाद बनाती है।
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