पेप्सिको इंडिया ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में शुरू किए मिट्टी जांच केंद्र – ‘मिट्टी दीदी’ करेंगी किसानों की मदद
19 मई 2025, नई दिल्ली: पेप्सिको इंडिया ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में शुरू किए मिट्टी जांच केंद्र – ‘मिट्टी दीदी’ करेंगी किसानों की मदद – पेप्सिको इंडिया ने आज उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में ‘मिट्टी जांच केंद्र’ (Mitti Jaanch Kendras) की शुरुआत की घोषणा की है। इन विशेष मिट्टी परीक्षण केंद्रों का संचालन प्रशिक्षित महिलाएं करेंगी, जिन्हें स्थानीय रूप से ‘मिट्टी दीदी’ के नाम से जाना जाएगा। यह केंद्र किसानों को उनकी मिट्टी की सेहत से जुड़ी सटीक और सुलभ जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे वे अपनी ज़मीन की बेहतर देखभाल कर सकें।
इस पहल की प्रेरणा इस सोच से मिली कि किसानों को अपनी मिट्टी के पोषक तत्वों, पीएच स्तर और अन्य महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे उर्वरक उपयोग, फसल चयन और ज़मीन के प्रबंधन से जुड़े निर्णय बेहतर ढंग से ले सकें। यह लक्ष्यित दृष्टिकोण फसल की उपज को बढ़ाने में मदद करता है और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देता है।
इस विचार को भावनात्मक रूप से सामने लाने के लिए पेप्सिको इंडिया के ब्रांड Lay’s® ने ‘मिट्टी की चिट्ठी’ नाम से एक कविता आधारित वीडियो भी लॉन्च किया है। यह चिट्ठी जैसे धरती मां अपनी बेटी (किसान) को लिखती हैं – उसमें वह प्यार, आभार और समझदारी से भरी बातें साझा करती हैं। वह याद दिलाती हैं कि जैसे हम ज़मीन की देखभाल करते हैं, वैसे ही ज़मीन भी हमारी देखभाल करती है। इस वीडियो के ज़रिए किसान और ज़मीन के बीच के गहरे, मगर अक्सर अनकहे रिश्ते को खूबसूरत अंदाज़ में दर्शाया गया है।
पेप्सिको इंडिया के डायरेक्टर – एग्रो, अनुकूल जोशी ने कहा, “खेती की शुरुआत मिट्टी से होती है। इसे समझना और उसकी ज़रूरतों को जानना अच्छी और टिकाऊ फसल उगाने के लिए बेहद जरूरी है। मिट्टी जांच केंद्रों के ज़रिए हम किसानों को वैज्ञानिक और डेटा-आधारित जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि वे पोषण, संसाधन प्रबंधन और फसल चयन जैसे मामलों में बेहतर निर्णय ले सकें। ‘मिट्टी की चिट्ठी’ इस रिश्ते की भावना को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है।”
उत्तर प्रदेश के एक किसान ने बताया, “पहले हम मिट्टी को देखकर ही अंदाज़ा लगाते थे कि क्या डालना है। लेकिन अब जब से मिट्टी जांच केंद्र आया है, बहुत कुछ बदल गया है। अब हमें सही जानकारी मिलती है – मिट्टी में क्या पोषक तत्व चाहिए, कब बुवाई करनी है, और फसल की देखभाल कैसे करनी है। इससे हमें आत्मविश्वास मिला है और लगता है कि हमारी मिट्टी की सही देखभाल हो रही है, और उसी के ज़रिए हमारी भी।”
यह पहल पेप्सिको इंडिया के सतत कृषि प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें किसानों को आधुनिक जानकारी, उपकरण और संसाधनों से लैस कर टिकाऊ खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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