कम्पनी समाचार (Industry News)

इफको डीलरशिप के नाम पर खाद व्यापारी से लाखों की ठगी

  • इंदौर (विशेष प्रतिनिधि )

20 फरवरी 2023,  इफको डीलरशिप के नाम पर खाद व्यापारी से लाखों की ठगी – आजकल  साइबर अपराध के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें नित नए हथकंडे अपनाकर लोगों को ठगा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला जिला बैतूल का सामने आया है। इस जिले के ग्राम सेंदुरजना पोस्ट छिंदखेड़ा, थाना सांईखेड़ा के निवासी खाद-बीज विक्रेता श्री अविनाश बडख़ाने से इफको खाद की डीलरशिप देने के नाम पर 8 लाख से अधिक की ठगी कर ली गई। यह घटना अप्रैल 2022 की है, जिसमें मई 2022 में शिकायत करने के बाद साइबर  एवं उच्च तकनीक अपराध शाखा थाना भोपाल में 6  दिसंबर 2022 को अज्ञात आरोपी के खिलाफ भादसं 1860 की धारा 419, 420, सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 66 सी और 66 डी में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

पीडि़त श्री अविनाश बडख़ाने ने  कृषक जगत को बताया कि जनवरी 2022 में सेंदुरजना में बडख़ाने कृषि सेवा केंद्र के नाम से कृषि आदान की दुकान खोली थी। नया व्यवसायी था। अनुभव भी कम था। इस बीच फेस बुक पर  fertilizerdistributor.org नामक साइट पर इफको फर्टीलाइजऱ कम्पनी की डीलरशिप के लिए आवेदन देखकर मांगी गई जानकारी भेजी थी। इसके बाद 9394913060 नंबर से अज्ञात व्यक्ति ने  प्रियंश कुमार कुशवाह के नाम से इफको कम्पनी दिल्ली की ओर से खाद की डीलरशिप दिलाने के नाम पर विश्वास में लेकर पंजीयन के 5600, लायसेंस के 1 लाख, मटेरियल बुकिंग के 4 लाख 16 हज़ार, एग्रीमेंट चार्ज के 1 लाख 65 हज़ार 800 और ट्रांसपोर्ट के 54 हज़ार 452 की राशि और मटेरियल इंश्यूरेंस के 85 हज़ार 638 रुपए उनके द्वारा बताए गए खातों में विभिन्न तरीके से जमा कर दिए गए। लेकिन जब उधर से एनओसी के लिए 2 लाख 25 हज़ार 400 की मांग कर कहा कि यह राशि जमा करने पर ही मटेरियल मिलेगा, तो मुझे उनकी बात पर शक हुआ। इसके बाद मैं दिल्ली स्थित इफको के मुख्यालय गया वहां पता चला कि कम्पनी ने ऐसी कोई डीलरशिप नहीं दी है और उनके द्वारा भेजे गए सारे दस्तावेज नकली हैं। तब पता चला कि मेरे साथ ठगी की गई है। उन्होंने मेरे साथ  कुल 8 लाख 27 हज़ार 490 रुपए की धोखाधड़ी की।

इस मामले की विवेचना अधिकारी उप निरीक्षक रमा मश्राम ने कृषक जगत को बताया कि जिन खाता धारकों के खातों में फरियादी द्वारा राशि जमा की गई थी, उसकी तस्दीक के लिए एक टीम पश्चिम बंगाल भी गई थी, जो लौट आई है ,लेकिन वहां खातों में बताया पता सही नहीं निकला। पटना में पकड़े गए आरोपी अलग हैं। अन्य खातों में बेंगलुरु का भी पता है, जिसकी तस्दीक के लिए टीम जल्द ही वहां भी जाएगी। साइबर अपराध के कई मामले हैं। जिसमें खातों में दजऱ् पतों की तस्दीक एवं अन्य जाँच में बहुत समय लग जाता है। 

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