यूपीएल और एम्स द्वारा ‘ऑक्यूपेशनल हेल्थ-एग्रीकल्चर’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
28 दिसम्बर 2022, नई दिल्ली । यूपीएल और एम्स द्वारा ‘ऑक्यूपेशनल हेल्थ-एग्रीकल्चर’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी – भारत में विषाक्तता की घटनाएं दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। दुनियाभर में सर्पदंश से होने वाली मौतों में से लगभग 80 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। इसी खतरे को देखते हुए वैश्विक कृषि उद्योग की अग्रणी कंपनियों में से एक यूपीएल लि. ने एम्स, हैदराबाद, नागपुर और राजकोट के साथ-साथ चिकित्सकों के स्थानीय संघों के साथ मिलकर टॉक्सिकोलॉजी आपातकालीन प्रबंधन पर डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के दौरान पीएचसी और टर्शिएरी केयर अस्पतालों में विषाक्त वस्तुओं के सेवन से जुड़ी आपात स्थितियों और कीटनाशकों के उपयोग से संबंधित घटनाओं के चिकित्सा प्रबंधन पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई।
हाल ही में, पीडीयू मेडिकल कॉलेज, राजकोट और एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के सहयोग से ‘ऑक्यूपेशनल हेल्थ-एग्रीकल्चर’ विषय पर राजकोट में संगोष्ठी आयोजित की गई। फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग राजकोट के डॉ. एच सी क्यादा ने कहा, प्राथमिक स्तर पर डॉक्टरों को आवश्यक उपचार प्रोटोकॉल को अपनाने के लिए सांप के काटने और कीटनाशकों सहित अन्य जोखिमों को पहचानने की आवश्यकता है।
संगोष्ठी में श्री अरुण महेश बाबू एम.एस., आईएएस कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट, राजकोट और बाल और कल्याण कैबिनेट मंत्री, राजकोट विशेषज्ञ संकायों के साथ उपस्थित थे, जिनमें मेडिकल टॉक्सिकोलॉजिस्ट, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ, चिकित्सक, कीटनाशक नियामक, मेडिको लीगल विशेषज्ञ, प्रबंधन विशेषज्ञ और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे।
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